राखी पुलिस और एसीसीयू की टीम ने 40 दिन की जांच के बाद ठगी करने वाले दोनों आरोपियों को महाराष्ट्र के अमरावती से गिरफ्तार किया है। आरोपियों का नाम ऐश्वर्य क्षत्री उर्फ अश्विनी भाटिया और निशांत इंगडे बताया जा रहा है। आरोपियों के खिलाफ शिकायत आबकारी अपर आयुक्त राकेश मंडावी, पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधीक्षण अभियंता आरके शर्मा और वरिष्ठ वैज्ञानिक सुरेश चंद्र ने राखी पुलिस से की थी। पुलिस ने मंगलवार को सिविल लाइन स्थित कंट्रोल रूम में मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपियों ने रायपुर और दुर्ग जिले में रहने वाले सरकारी अफसरों से 20 लाख से ज्यादा की ठगी की है।
आरोपी प्रदेश में बीते डेढ़ साल से सक्रिय थे। आरोपियों ने मार्च में पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों और मई में आबकारी विभाग, उद्योग विभाग के अधिकारियों से संपर्क करके उन्हें डराकर पैसा लिया था। आरोपियों के खिलाफ (cg crime news) शिकायत करने वाले कुछ अफसरों के नाम का खुलासा पुलिस ने अभी नहीं किया है। आरोपियों को रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।
जिन राज्यों में ईडी के छापे, वहां के अफसरों से करते थे संपर्क: आरोपियों ने केवल छत्तीसगढ़ में ठगी नहीं की है। इन आरोपियों ने मध्यप्रदेश के खरगौन जिले में एक अफसर को अपना निशाना बनाया है। इसे अलावा आरोपियों ने बिहार, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं दिल्ली सहित देश भर के कई अफसरों से संपर्क किया और इसी पैटर्न से उनके साथ भी ठगी की है।
इंटरनेट से निकालते थे नंबर पुलिस की पूछताछ में आरोपी ऐश्वर्य क्षत्री उर्फ अश्विनी भाटिया बताया कि उसका दूसरा साथी निशांत इंगडे इंटरनेट के माध्यम से शासकीय अधिकारियों का नंबर निकालकर उसे देता था। इसके बाद वो अफसरों को झांसे में लेने के लिए अंग्रेजी भाषा में बात करता था। आरोपी ईडी के अलावा इनकम टैक्स, ईओडब्ल्यू, एसीबी का क्लीयरेंस सर्टिफिकेट दिलाने का दावा करता था। विवेचना अधिकारियों का दावा है कि मामले में ठगी की राशि और पीड़ितों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
ठगी की राशि उडाई सट्टे में आरोपी अश्विनी ने बताया कि हमने ठगी की राशि का इस्तेमाल रौब दिखाने और ऑनलाइन सट्टे में किया। आरोपी (cg fraud news) ऑनलाइन सट्टे में लाखों रुपए हार चुके हैं। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद आरोपियों के पास से चार मोबाइल और सिम कार्ड पुलिसकर्मियों ने बरामद किया है।
आबकारी अधिकारी को लैंडलाइन से किया फोन आबकारी विभाग के उड़नदस्ते में पदस्थ एक अधिकारी को आरोपी अश्विनी भाटिया ने 16 मई को कार्यालय के लैंडलाइन नंबर पर अज्ञात नंबर से फोन किया। फोन करने के बाद आरोपी भाटिया ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) नई दिल्ली का अधिकारी बताया और अपनी पोस्टिंग नागपुर बताई। आरोपी ने फोन में रिटायर्ड उपायुक्त एसएन साहू व रमेश अग्रवाल के बारे में जानकारी और नंबर मांगा। अधिकारी ने कार्रवाई के डर से आरोपी को नंबर दे दिया। आरोपी ने नंबर मिलने के बाद ईडी की कार्रवाई का डर दिखाना शुरू कर दिया था।
अधीक्षण अभियंता, वैज्ञानिक को ईडी-ईओडब्ल्यू की दी धमकी पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधीक्षण अभियंता आरके शर्मा और वरिष्ठ वैज्ञानिक सुरेश चंद्र को पांच मार्च की सुबह फोन किया। फोन करने वाले ने अपने आपको ईडी का अधिकारी बताया और शिकायत मिलने की बात कही। ईडी का नाम सुनकर अधिकारी डर गए, तो क्लीयरेंस देने की बात बोलकर आरोपी ने आरके शर्मा से पांच लाख तीस हजार और सुरेश चंद्र से पांच लाख तीस हजार रुपए अमरावती भेजने के लिए कहा। अधीक्षण अभियंता और वरिष्ठ वैज्ञानिक ने अपने परिचितों को माध्यम से आरोपियों तक पैसा पहुंचाया, उसके बाद आरोपी ने फोन करना बंद कर दिया।
पर्यावरण संरक्षण मंडल और आबकारी विभाग के अधिकारियों ने आरोपी ऐश्वर्य क्षत्री उर्फ अश्विनी भाटिया और निशांत इंगडे के खिलाफ ब्लैकमेल करके पैसा लेने की शिकायत की थी। जांच के बाद दोनों आरोपियों को अमरावती से गिरफ्तार किया गया है। मामले में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
-नीरज चंद्राकर, एएसपी ग्रामीण