पूर्व में सिर्फ इतने दस्तवेज देना होता था
इससे पहले रजिस्ट्री के लिए भुईंया सॉफ्टवेयर के मुताबिक बी-1, खसरा, नक्शा ऋण पुतिका, विक्रेता-क्रेता का पैनकार्ड और आधारकार्ड, दो गवाहों का आधार कृषि भूमि के लिए जरूरी है। डायवर्टेड भूमि है तो उसका बी-1 व मकान या दुकान का भी डायवर्सन लेटर। यदि टीएनसी प्रोजेक्ट है तो अपार्टमेंट टाउन एंड कंट्री प्लानिंग कवरिंग लेटर जरूरी होता था। अब भी इन दस्तावेजों के अलावा नई शर्तों को अलग से जोड़ा गया है।
स्पॉट निरीक्षण करना संभव नहीं
नियमानुसार संपत्तियों की रजिस्ट्री में उप पंजीयक को स्पॉट निरीक्षण कर रिपोर्ट देना होता था। अब सेल्फी लेकर जमा करने के सिस्टम से उप पंजीयकों का समय भी बचेगा और विभाग के पास से प्रूफ भी होगा कि क्रेता या विक्रेता ने उक्त भूमि की रजिस्ट्री के लिए फोटो प्रस्तुत किया है।
रखना होगा इन बातों का ध्यान
– क्रेता या विक्रेता द्वारा संबंधित विक्रय की जाने वाली भूमि/भवन/दुकान के साथ फोटो।
– बी-1 खसरा पांचसाला व पी2 खतौनी विवरण डिजिटल वाला ही होगा संलग्न।
– प्राइवेट लि. कंपनी व अन्य जिसमें भागीदार हैं, तो कंपनी द्वारा हस्ताक्षर करने के लिए आवश्यक रूप से रिज्युलेशन लेटर (प्रस्ताव/संकल्प पत्र) लगाना होगा।
– सभी अधिवक्तागण दस्तावेजों के साथ मेमो/वकालतनामा लगाना अनिवार्य होगा।