गिरफ्तार किए गए उक्त दोनों लोगों को सीबीआई ने शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलवाया था। इस दौरान संतोषजनक जबाव नहीं देने पर गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। साथ ही 10 दिन की रिमांड पर लेने के लिए आवेदन पेश किया। बचाव पक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा कि प्रकरण की सुनवाई
सीबीआई कोर्ट से जुड़ा हुआ है। इसे देखते हुए अन्य कोर्ट सुनवाई के अधिकार क्षेत्र से बाहर आता है। नियमानुसार अवकाशकालीन कोर्ट को रिमांड देने का अधिकार नहीं है।
CGPSC Scam: अभियोजन पक्ष की दलील- चयन संदेह के दायरे में
वहीं अभियोजन पक्ष ने इसका विरोध करते हुए घोटाले के संबंध में पूछताछ करने की अनुमति मांगी। साथ ही बताया कि जांच के दौरान मिले इनपुट के संबंध में पूछताछ करना है।
सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह के पुत्र नितेश का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर किस तरह हुआ यह संदेह के दायरे में आता है। वहीं इसमें पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर की भूमिका भी संदेहजनक है। रिमांड कोर्ट की न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 2 दिन के रिमांड को मंजूरी दी।