इस घोटाले की जांच करने के बाद सीबीआई ने न्यायिक रिमांड पर जेल भेजे गए
सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, उनके भतीजे नितेश, पुत्र साहिल, डिप्टी परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर, कारोबारी श्रवण गोयल, उनके पुत्र शशांक और बहू भूमिका गोयल (कटियार) को आरोपी बनाया है। उक्त सभी लोगों के खिलाफ सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के अदालत में 465 पेज की चार्जशीट गुरुवार को पेश की गई। इसमें 15 पेज की समरी में सभी की भूमिका का उल्लेख किया गया है। साथ ही 40 गवाहों की सूची सौंपी गई है।
CGPSC Scam: पर्चा लीक..
चार्जशीट में बताया गया है कि किस तरह पीएससी के तत्कालीन पदाधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लेन-देन कर अपने रिश्तेदारों और करीबी लोगों को उपकृत करने पेपर लीक किया। कोर्ट में पेश चार्जशीट पर 30 जनवरी को बचाव और अभियोजन पक्ष अपना तर्क प्रस्तुत करेंगे। बता दें कि
सीजीपीएससी में 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है। 2020 में 175 पदों और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली गई थी।
इस
फर्जीवाडे़ के बाद प्रकरण की प्राथमिकी दुर्ग जिले के अर्जुंदा थाने में कराई गई थी। इसके बाद ईओडब्ल्यू एवं एसीबी ने एफआईआर दर्ज की। इसमें सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह ने अपने पुत्र नितेश, बडे़ भाई के पुत्र साहिल, बहु निशा कोसले, बहन की बेटी सुनीता जोशी सहित नेताओं को अधिकारियों के रिश्तेदारों का पीएससी में चयन किया।
रिश्वत के 45 लाख का उल्लेख
सीबीआई ने अपने चार्जशीट में टामन सिंह सोनवानी की पत्नी द्वारा चलाए जा रहे एनजीओ को 45 लाख रुपए रिश्वत देने का उल्लेख किया गया है। कारोबारी श्रवण गोयल पर आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे शशांक तथा बहू भूमिका को नौकरी दिलाने के लिए सोनवानी के करीबी एनजीओ को सीएसआर मद से 45 लाख रुपए दिए थे। इसके संबंध में दस्तावेजी साक्ष्य और संदेह के दायरे में आने वाले अन्य लोगों के नाम भी शामिल किए गए है।