पत्रिका सीजीएमएससी से सप्लाई घटिया हिपेरिन इंजेक्शन बैच नंबर डीपी 2143 पर लगातार खबर प्रकाशित कर रहा है। पत्रिका की खबरों पर संज्ञान लेते हुए कॉर्पोरेशन ने सभी संबंधितों को नोटिस थमा दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि संबंधितों का क्या जवाब आता है? इसके अनुसार कॉर्पोरेशन कार्रवाई करेगा। हरियाणा की दोनों लैब सीजीएमएससी से अनुबंधित है।
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बड़ा सवाल, पानी होने के बाद भी ओके रिपोर्ट कैसे?
सबसे बड़ा सवाल ये है कि वायल में दवा के नाम पर पानी भरे इंजेक्शन को आखिर जांच में ओके रिपोर्ट कैसे दी गई? इंजेक्शन सब स्टैंडर्ड रहता तो मरीजों पर भले ही पूरा असर न करे, लेकिन कुछ न कुछ असर करता। विशेषज्ञों के अनुसार लाइफ सेविंग इंजेक्शन में कोई दवा नहीं है। अगर होता तो मरीजों पर असर करता। इंजेक्शन लगाने के बाद भी खून पतला नहीं होने के कारण डॉक्टरों ने बाहर से इंजेक्शन मंगवाकर लगाया। इसके बाद मरीज का खून मानक के अनुसार पतला हुआ और वॉल्व रिप्लेसमेंट किया गया। इंजेक्शन बनाने वाली डिवाइन कंपनी, पंचकूला के दोनों लैब इडमा व सेटिएट, क्वालिटी कंट्रोल इंचार्ज को नोटिस दिया गया है। इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। घटिया इंजेक्शन की सप्लाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। – पद्मिनी भोई साहू, एमडी, सीजीएमएससी