CG Water Crisis: पुरानी और नई पाइप लाइन को लेकर शहर के कई क्षेत्रों के आखिरी छोर के घरों में पतली धार पानी आने की समस्या बनी हुई है। वहीं आधी-अधूरी टंकियां भरने तो कभी पेयजल आपूर्ति बाधित होने जैसी समस्या का सामना आम लोगों को करना पड़ रहा है। क्योंकि, पानी टंकियां 6 से 7 मीटर तक नहीं भरी जा रही हैं।
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CG Water Crisis: 43 टंकियों से जलापूर्ति का सिस्टम
कहां सातों दिन 24 घंटे शहर के लोगों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति करने और टैंकर मुक्त के दावे किए जाते रहे हैं, परंतु पाइप लाइनों में लीकेज और टेस्टिंग का लोचा आज भी बना हुआ है। नतीजा 5 से 10 मिनट भी प्रेशर से नलों में पानी नहीं आता है। खासतौर पर अंतिम छोर में। शहर के लोगों की प्यास बुझाने के लिए 43 टंकियों से जलापूर्ति का सिस्टम बनाया गया, लेकिन मरमत और मॉनिटरिंग के अभाव में आए दिन शहर के किसी न किसी हिस्से में पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है। कुछ महीना पहले ही शंकर नगर में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने बैठक ली तो पता चला कि निगम के जिमेदार एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ने में ही लगे रहे। इसी तरह डंगनिया पानी टंकी से अमृत मिशन योजना की पाइप लाइन को लेकर सुंदरनगर क्षेत्र के पार्षद मृत्युंजय दुबे को आसपास क्षेत्र के लोगों के साथ धरना-प्रदर्शन करना पड़ा। तब निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने कम प्रेशर की समस्या को दुरुस्त कराने का भरोसा देकर मामले को शांत कराया था।