दोपहिया चुराने वाले भी इन्हीं मार्गों का प्रयोग करते हुए निकलते हैं। दोपहिया के साथ होने की वजह से और आसानी से उनकी पहचान हो सकती है। और उन्हें पकड़ा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि रायपुर में हर साल 500 से ज्यादा दोपहिया वाहन चोरी हो जाते हैं। चोरी करने वालों का कुछ पता नहीं चल पाता है। एक-दो मामलों का ही पुलिस खुलासा कर पाती है। बाकी मामले पेंडिंग चलते रहते हैं। मई माह में ही 84 दोपहिया वाहन चोरी हुए हैं।
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आधी जांच, इसलिए नहीं मिलते आरोपी
दोपहिया चोरी के अधिकांश मामलों की जांच में थाने वाले रुचि नहीं लेते हैं। पीड़ितों द्वारा बहुत ज्यादा निवेदन करने पर घटना स्थल के आसपास के कुछ सीसीटीवी कैमरों की जांच करते हैं। इसके बाद आगे नहीं बढ़ते हैं। सीसीटीवी कैमरे में अगर कुछ दूर तक चोर दोपहिया में जाते हुए दिखाई देता है, तो उसके आगे भी दिख सकता है। लेकिन पुलिस आगे जांच ही नहीं करती है। इसके चलते दोपहिया चोरी (CG Theft Case) के कई मामलों के आरोपी पकड़ में नहीं आए हैं। खासकर के शहरी आबादी के थानों में सबसे ज्यादा दोपहिया चोरी की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन पुलिस उसे रोक नहीं पा रही है।
CG Theft Case: संगठित गिरोह की आशंका
शहर से जिस ढंग से दोपहिया वाहन चोरी हो रहे हैं, उससे इसमें किसी संगठित चोर गिरोह के शामिल होने की आशंका है। इसमें चोरी की दोपहिया खरीदने वाले भी शामिल हैं। हर साल बड़ी संख्या में दोपहिया चुराकर 5 से 7 हजार रुपए में दूसरों को बेच देते हैं। इसके अलावा कबाड़ियों को भी बेच देते हैं। पुलिस कबाड़ियों की दुकान में जाकर तस्दीक नहीं करती हैं। इस कारण कई दोपहिया वाहन चोरी (CG Theft Case) का पता नहीं चल पाता है।
सीसीटीवी कैमरों के सामने ट्रैफिक रूल्स न तोड़ें, ये 58 हजार से ज्यादा लोगों का काट चुके हैं ई-चालान
अगर चौक-चौराहों व प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक पुलिस नहीं है, तो यह न सोचें कि चालान नहीं कटेगा। जगह-जगह लगे सीसीटीवी (CG Theft Case) कैमरे यह काम कर रहे हैं। पिछले साल 50 हजार से ज्यादा लोगों का सीसीटीवी कैमरों ने ई-चालान काटा था। दरअसल आईटीएमएस कैमरों की मदद से ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर नजर रखी जा रही है। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर उनके ई-चालान घर पहुंच जाते हैं। अधिकांश वाहन चालक इन कैमरों की अनदेखी करते हैं और वाहन चलाते समय ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं।
घर पहुंचता है ई-चालान
अधिकांश लोग ट्रैफिक नियम तोड़कर निकल जाते हैं। उन्हें ट्रैफिक नियम तोड़ने (CG Theft Case) का ध्यान भी नहीं रहता है। इसके कुछ दिनों बाद अचानक ई-चालान घर पहुंचता है, तो आसानी से स्वीकार नहीं करते हैं। ट्रैफिक कार्यालय में चालान जमा करने में आनाकानी करते हैं।
40 से ज्यादा चौक-चौराहों पर आईटीएमएस के कैमरे
शहर में 40 से ज्यादा चौक-चौराहों पर आईटीएमएस के कैमरे लगाए गए हैं। इसमें लगे कैमरे चौराहों से गुजरते समय नियम तोड़ने वाले वाहनों के नंबर प्लेट की रीडिंग करके उसके मालिक का पता (CG Theft Case) लगाया जाता है। इसके बाद उनके पते पर ई-चालान भेजा जाता है। वर्ष 2023 में 58 हजार 858 लोगों का ई-चालान काटा गया था। इनसे चालान राशि के रूप में 5 करोड़ 81 लाख 37 हजार 100 रुपए वसूला गया है।
एएसपी ईस्ट लखन पटले का कहना है कि जिन इलाकों से दोपहिया वाहन ज्यादा चोरी हो रहे हैं, उनका इलाकों में सिविल टीम लगाई गई है। सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कराई जा रही है। चोरी हुए दोपहिया वाहनों की तलाश की जा रही है। आरोपियों को पकड़ने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। इससे पहले अभियान चलाकर दोपहिया चोरी के कई मामलों का खुलासा किया गया है।
आमानाका इलाके में हुई थी चोरी, एक बाइक बरामद
आमानाका इलाके से चोरी हुई दोपहिया को पुलिस ने बरामद कर लिया है। एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक दउवा साहू की बाइक को सीजी-04 एनजे 5024 को शराब दुकान के पास से चोरी कर लिया गया था। इसकी शिकायत पर पुलिस (CG Theft Case) ने मामले की जांच की। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई। इससे बाइक चोरी करने वाले राकेश चंदेल को पुलिस ने गिरतार कर लिया है। उसके पास से चोरी की बाइक बरामद हो गई।
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CG Theft Case: इस तरह के उल्लंघन ज्यादा
बिना हेलमेट के दोपहिया चलाना बिना सीटबेल्ट के कार चलाना गलत दिशा में चलना सिग्नल जंप करना मोबाइल में बात करते हुए चलनातीन सवारी चलना
एएसपी ओपी शर्मा का कहना है कि आईटीएमएस के कैमरों से ई-चालान काटा जा रहा है। ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहनों के नंबर प्लेट के जरिए वाहन मालिकों का पता चल जाता है। ई-चालान उनके घर में भेजा जाता है। लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए।