बता दे कि चुनाव के समय जरूर स्थानीय नेतागण ग्रामीणों से वोट बटोरने के लिए नगर पंचायत बनाने का आश्वासन देते हैं, लेकिन शासन स्तर पर नेताओं ने कभी बात नहीं रखी। यही कारण है कि ये पांच हजार 50 ग्राम पंचायतें आज तक नगर पंचायत नहीं बन पाई।
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बनाया नगर पंचायत को नगर पालिका परिषद
आपको बता दे कि राज्य शासन ने लोगों की मांग पर गौरेला-पेंड्रा को नगर पंचायत से नगर पालिका परिषद बनाया है। आने वाले दिनों में दो और नगर पंचायत पत्थलगांव और गदरी को भी नगर पालिका परिषद बनाए जाने की संभावना है। ग्राम पंचायत के नगर पंचायत बनने से बहुत से फायदे हैं। सबसे पहले वार्डों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी। हर वार्ड के पार्षद होंगे। पार्षद अपनी पार्षद निधि से वार्ड में विकास कार्य करा सकते हैं। इसके अलावा नगर पंचायत बनने के बाद शासन से विकास कार्य के लिए राशि ग्राम पंचायत की तुलना में अधिक मिलेगी। विकास कार्यों में तेजी भी आएगी।