छत्तीसगढ़ के 50 हजार शिक्षकों की बड़ी जीत! क्रमोन्नत वेतनमान पर सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की राज्य सरकार की याचिका
CG TEACHERS SALARY: क्रमोन्नत वेतनमान पर सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया है। पहली ही सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया…
CG TEACHERS SALARY: क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया है। छत्तीसगढ़ सरकार की एसएलपी खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पहली ही सुनवाई में शिक्षकों के पक्ष में फैसला दिया। इधर इस फैसले से प्रदेश सरकार को बड़ा झटका लगा है। बता दें कि शिक्षिका सोना साहू ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर न्यायाधीश ए.एस. ओका और न्यायाधीश एन. कोटीश्वर सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार की एसएलपी को खारिज किया। इस केस में भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राज्य सरकार की तरफ से पक्ष रखा, जबकि शिक्षकों की तरफ से सीनियर वकील एस मुरलीधरण ने पक्ष रखा।
CG TEACHERS SALARY: 2013 से जारी है लड़ाई
इस फैसले से प्रदेश के करीब 50 हजार ज्यादा शिक्षकों को लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि लंबे समय तक प्रमोशन न मिलने पर शिक्षकों ने 2013 में सरकार पर दबाव डाला, जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 10 साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान देने का ऐलान किया। लेकिन इसके बावजूद आंदोलन शांत नहीं हुआ। शिक्षकों के लगातार विरोध को देखते हुए सरकार ने एक साल बाद समतुल्य वेतनमान देने का निर्णय लिया, और इसके साथ ही क्रमोन्नति वेतनमान का आदेश रद्द कर दिया। इसके बाद यह मामला ठंडा पड़ गया।
इसी बीच शिक्षिका सोना साहू ने क्रमोन्नति वेतनमान के लिए याचिका दायर की थी, जबकि सरकार ने नए वेतनमान के तहत इसे रद्द कर दिया था। सोना साहू ने कहा कि क्रमोन्नति वेतनमान समाप्त होने के बावजूद यदि कोर्ट में याचिका दायर की जाए तो उसे लाभ मिल सकता है, और ऐसा ही हुआ। सोना साहू के पति ने केस दायर किया और जीत भी गए।
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