मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, राज्य में शिक्षा के स्तर को विश्वस्तरीय बनाने के लिए हम लगातार कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से स्वीकृति के बाद राज्य में शिक्षकों के 33 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके साथ ही राज्य में वेतन विसंगति और संयुक्त संचालक, उप संचालक, प्राचार्य, व्याख्याता, उच्च वर्ग शिक्षक, प्रधानपाठक (माध्यमिक शाला) की पदोन्नति के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया। मंत्री ने इन सारी विसंगतियां को जल्द से जल्द दूर करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
डीएमएफ की राशि से स्कूलों की मरम्मत
मंत्री अग्रवाल ने सभी शासकीय और गैर शासकीय स्कूलों में नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तक उपलब्ध कराने के लिए पाठ्य पुस्तक निगम को निर्देश देते हुए कहा, पुस्तकों को जिलास्तर पर उपलब्ध कराया जाए, वहां से सभी स्कूलों में शिक्षा सत्र प्रारंभ होने से पहले ही भेज दिया जाए। उन्होंने प्रदेश के जर्जर होते स्कूलों की बिल्डिंग और नए भवनों के निर्माण के लिए डीएमएफ और सीएसआर मद से कार्य कराने के निर्देश दिए। निर्माण कार्यों के लिए शिक्षा विभाग की अलग से इंजीनियरिंग सेल निर्माण प्रक्रिया को जल्द ही पूर्ण करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिया।CG School News: ऐसा है प्रदेश के स्कूलों का हाल
1.जांजगीर-चांपा : 32 स्कूल भवन विहीन, 61 स्कूल एकल शिक्षकीय नए शिक्षा सत्र की शुरूआत भले ही एक अप्रैल से कर ली गई है, लेकिन डेढ़ माह क्लास लगने के बाद भी स्कूलों में तैयारी पूरी तरह से अधूरी है। बता दें कि जांजगीर-चांपा व सक्ती जिले मिलाकर 1612 प्राइमरी व 793 मिडिल स्कूल के अलावा 134 हाई व 143 हायर सेकंडरी स्कूल संचालित है। जिले भर में प्राइमरी व मिडिल स्कूल मिलाकर चार दर्जन ऐसे स्कूल भवन हैं जो पूरी तरह से जर्जर हैं। ब्रिटिशकालीन खपरैला वाले भवन में बच्चे जान जोखिम में डालकर भविष्य गढऩे मजबूर हैं। 2. राजनांदगांव: सैंकड़ों स्कूल जर्जर, खतरों के बीच करेंगे पढ़ाई बच्चे
3. कवर्धा : 402 डिस्मेंटल योग्य स्कूलों में फिर से संचालित होंगी कक्षाए
4. शिक्षकों व इन सुविधाओं की कमी