bell-icon-header
रायपुर

CG Scam Case: मंत्रालय में विभागीय जांच की फाइलें डंप, सालों सिर्फ मजे में रहे अधिकारी, कार्रवाई जीरो..

CG Scam Case: विभागीय जांच के मामले में प्रशासन की कार्यप्रणाली कछुए चाल चल रही है। दर्जनों केस सालों से अटके हुए हैं। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई तक नहीं की जाती है। फाइलें ठंडे बस्ते में डाल दी जाती हैं।

रायपुरAug 31, 2024 / 12:40 pm

Laxmi Vishwakarma

CG Scam Case: विभागीय जांच के मामले में प्रशासन की कार्यप्रणाली बहुत धीमी चल रही है। विभाग से जांच प्रतिवेदन देने के बाद ज्यादातर मामले मंत्रालय-संचालनालय में ही अटक जाते हैं। बताया जाता है कि मंत्रालय-संचालनालय के हर विभाग में पांच से दस मामले रहते हैं, जिनकी जांच कई वर्षों से अटकी हुई है।

CG Scam Case: निलंबन के बाद बहाली, लेकिन जांच पूरी नहीं

कुछ मामलों की जांच में संबंधित अधिकारी के दोषी पाए जाने पर कार्रवाई तक नहीं की जाती है। फाइलें ठंडे बस्ते में डाल दी जाती हैं। उसके बाद नए अधिकारी के आने पर उस फाइल की न तो स्टाफ ध्यान दिलाते हैं और नहीं अधिकारी फाइल खोलने की कोशिश करते हैं।
यह भी पढ़ें

Child Molestation Case: बच्ची से दुराचार मामले में पूर्व सीएम का तीखा बोल, राज्य सरकार पर लगाए ये गंभीर आरोप

शिकायतकर्ता या अन्य व्यक्ति द्वारा जब जांच अधिकारियों से पूछा जाता है, तो कहा जाता है कि मैं अभी यहां आया हूं, मुझे तो पता ही नहीं है। पता करवाता हूं। जबकि हकीकत में पूरी जानकारी रहती है।

हर माह आती हैं ढेरों शिकायतें

मंत्रालय-संचालनालय की शिकायत शाखा में हर माह ढेरों शिकायतें आती हैं। शिकायत को संबंधित शाखा में भेज तो दिया जाता है, लेकिन शिकायतों की न जांच होती है और न किसी प्रकार का नोटिस (CG Scam Case) जारी किया जाता है। शिकायत शाखा में शासन के अलग-अलग विभागों से अधिकारियों-कर्मचारियों की हर 50 से 60 शिकायतें आती हैं।

निकायों में सबसे ज्यादा जांच

बताया जाता है कि नगरीय निकायों में सबसे ज्यादा विभागीय जांच चल रही है। पिछले तीन-चार में तो निर्माण कार्य, टेंडर घोटाला सहित अन्य कार्यों में घोटाले की जांच निकाय स्तर पर हुई थी। इसके बाद जब मामला संचालनालय स्तर पर पहुंचा तो फाइलें ठंडे बस्ते में ही चली गईे। इतना जरूर हुआ था कि संबंधित अधिकारी को उस निकाय से हटाकर कुछ दिनों के लिए संचालनालय में अटैच किया गया था।

मेडिकल कॉलेज में स्टेशनरी घोटाले की फाइल

CG Scam Case: यहां भी उसे मलाईदार पद दिए गए थे। एक-दो साल रहने के बाद वापस उसी निकाय में अपनी पोस्टिंग भी करा ली। साथ ही उससे बड़े पद पर। इसी तरह रायपुर मेडिकल कॉलेज में स्टेशनरी घोटाले की फाइल भी मंत्रालय में डंप पड़ी हुई है। जबकि जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी तक दोषी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
यह भी पढ़ें

Congress Executive Committee: कांग्रेस में बड़े बदलाव की तैयारी, नई कार्यकारिणी में युवा चेहरों को मिलेगा ज्यादा मौका…

तत्काल प्रभाव से निलंबित किए गए अधिकारी

जानकारी के अनुसार, विभागीय जांच के मामले में तो ऐसे कई उदाहरण हैं, जिसमें संबंधित अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित भी किए गए। दूसरी जगह पर लाइन अटैच भी कर दिए गए थे।
निलंबन अवधि समाप्त होने के बाद नई जगह पर पोस्टिंग भी कर दी जाती है, लेकिन जांच पूरी नहीं होती है। कई बार तो विभागीय जांच फाइलों में कैद रहती है और अधिकारी मजे से नौकरी कर रिटायरमेंट तक हो जाते हैं।

Hindi News / Raipur / CG Scam Case: मंत्रालय में विभागीय जांच की फाइलें डंप, सालों सिर्फ मजे में रहे अधिकारी, कार्रवाई जीरो..

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.