मोदी सरकार ने धमतरीवासियों की भावनाओं का सम्मान किया है..
तत्कालीन यूपीए सरकार के रेलमंत्री सुरेश कलमाड़ी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि यह हिन्दूस्तान की पहली घटना हैं, जब रेलवे में सर्वे कार्य का शिलान्यास किया गया। बावजूद इसके वर्षों से सत्ता में रहने के बाद भी धमतरी को बड़ी रेल लाइन नहीं बनाया गया, लेकिन केन्द्र में बैठी मोदी और राज्य की रमन सरकार ने धमतरीवासियों की भावनाओं का सम्मान किया और क्षेत्र में विकास का द्वार खोलने के लिए इस महती परियोजना की मंजूरी देकर इसका काम भी शुरू कर दिया। बूटेन ट्रेन की रफ्तार से इसका काम होगा। बड़ी रेल आने के बाद यहां द्रूतगति से विकास होगा। उन्होंने कहा कि पिछले पन्द्रह सालों में छत्तीसगढ़ ने जो विकास के नए आयाम गढ़े हैं, वह किसी से छिपा नहीं है।
छत्तीसगढ़ में मील का पत्थर साबित होगा
सभा की अध्यक्षता कर रहे मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कहा कि बड़ी रेल लाइन को लेकर वर्षों से संघर्ष कर रहे धमतरीवासियों की मेहनत आज रंग लाई है। आज का दिन धमतरी ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ के लिए मील का पत्थर साबित हो गया, क्योंकि मोदी सरकार के सहयोग से प्रदेश में चार-चार रेलवे की बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी देकर काम शुरू किया गया। कांग्रेस पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी रेललाइन के नाम पर कांग्रेस के मित्रों ने हमेशा धमतरीवासियों को छलने का काम किया है।
धमतरी की सदियों से पीड़ा आज दूर हो गई
धमतरी की सदियों से पीड़ा आज से दूर हो गई। रेलमंत्री ने आज धमतरी को उनका अधिकार दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी और रमन सरकार विकास की बातें करते है और विकास के दम पर ही धमतरी की तस्वीर बदलेंगे। वृहद रेल नेटवर्क से जुड़कर इस क्षेत्र के आर्थिक एवं सामाजिक विकास को गति मिलेगी। केन्द्री-धमतरी ब्रॉडगेज रेल लाइन बनने से यहां फूड प्रोसेसिंग उद्योग लेंगे एवं अन्य छोटे उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही इन क्षेत्रों में न केवल इन उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि नए-नए उद्योगों के माध्यम से यहां के लोगों के लिए रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर भी उपलब्ध होंगे।
जोड़ा जाए बालोद से
सांसद चंदूलाल साहू ने रेलमंत्री से धमतरी को बालोद बड़ी लाइन से जोडऩे की मांग करते हुए कहा कि यदि बालोद से धमतरी जुड़ गया,तो बस्तर के रास्ते दक्षिण भारत से जुड़ जाएगा। आभार प्रदर्शन महापौर अर्चना चौबे ने किया। मंच पर पूर्व मंत्री कृपाराम साहू, पूर्व विधायक इंदर चोपड़ा, जिलाध्यक्ष रामू रोहरा, निरंजन सिन्हा, कालीदास सिन्हा, प्रीतेश गांधी, रंजना साहू, पूर्णिमा साहू, प्रकाश गोलछा, नेहरू निषाद समेत बड़ी संख्या में पार्टीजन और आम जनता मौजूद थे।जोन-दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे
रेल मंडल- रायपुर
निधि की व्यवस्था- शत प्रतिशत भारतीय रेल
मंजूरी का वर्ष- 2011-12
ट्रैक की लंबाई- 67.20 किमी
परियोजना की लागत- 543.93 करोड़ रुपए
परियोजना पूर्ण होने का लक्ष्य- मार्च 2022
स्टेशनों की संख्या- 10 स्टेशन
भूमि अधिग्रहण- 50 हेक्टेयर