उन्होंने कहा, सरकार ने 160 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। 14 नवम्बर से खरीदी शुरू होगी, तो खरीदी के लिए 75 दिन मिलता है। इसमें भी शनिवार और रविवार की छुट्टी है। ऐसे में खरीदी के लिए मात्र 40 दिन बचता है। ऐसे में लक्ष्य हासिल करना संभव नहीं है। ये सरकार धान नहीं खरीदना चाहती है। उन्होंने पूछा कि 1 नवम्बर को दीपावली है, तो क्या धान खरीदी नहीं हो सकती। किसान के लिए धान लक्ष्मी है। यदि दीपावली के दिन से खरीदी होती, तो इससे बढ़िया और क्या बात होती। टोकन के रूप में 1 नवम्बर से धान खरीदी शुरू की जा सकती थी।
जाम में फंसे, ऑटो रिक्शा का लिया सहारा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार को दिल्ली में एक सड़क जाम में फंस गए। इसके बाद उन्होंने ऑटो रिक्शा से जाना पड़ा। पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया में इसका वीडियो शेयर किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि समय पर पहुंचना भी तो है। दिल्ली में जाम लगा हुआ था तो आज फिर से ऑटो रिक्शा का आनंद लिया। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने आगे लिखा है कि एक समय था जब दिल्ली को ऑटो रिक्शा से ही नापते थे। बहुत समय बाद वहीं पुराने दिन याद आ गए। यह भी पढ़ें
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75 दिन में से महज 40 दिन धान खरीदेगी सरकार: बैज
कांग्रेस ने मांग की है कि धान खरीदी 1 नवंबर से शुरू की जाए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, 14 नवंबर से धान खरीदी के निर्णय से सरकार की नीयत में खोट साफ नजर आ रही है। सरकार 14 नवंबर से 31 जनवरी तक धान खरीदी का निर्णय लिया है। इसका मतलब है पहले ही सरकार धान खरीदी 14 दिन कम करेगी। उन्होंने कहा, 14 नवंबर से 31 जनवरी तक कुल 75 दिन के अंदर धान खरीदी का लक्ष्य है, इसमें से 35 दिनों लगभग एक महिना से अधिक छुट्टी है, अर्थात मात्र 40 दिन ही सरकार धान खरीदी करेगी। मात्र 40 दिनों में 30 लाख से अधिक किसानों के धान की खरीदी संभव नहीं। पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़ी है। रकबा बढ़ा है। पैदावार भी ज्यादा हुआ है। प्रति एकड़ खरीदी की लिमिट भी बढ़ी है, फिर खरीदी की अवधि कम करने का आधार क्या है?
बैज ने कहा, भाजपा सरकार इस वर्ष धान की खरीदी 3217 रुपए करें, क्योंकि 3100 रुपए भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था। केंद्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रुपए बढ़ा दिया है। इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 से बढ़ाकर 3217 रुपए में की जाए।