चंद्राकर ने कहा, बिरनपुर मामले में सीबीआई को जांच देना चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि तत्कालीन विधायक की भूमिका क्या थीं। घटना में मृतक के पिता को न्याय मिलना चाहिए। वहीं झीरम की सीबीआई जांच होने से घटना का सीन फिर से दोहराया जाएगा। इससे सारी जानकारी सामने आएगी। साथ ही यह भी पता चलेगा कि भूपेश बघेल ने अपने किस जेब में सबूत रखा था। उन्होंने एक मैग्जीन, गोबर खरीदी, कारोना सेस सहित अन्य मुद्दों में भी जांच की मांग की। इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, जो भी मामले हैं, उन सब की आप जांच कराए। हमें कोई डर नहीं है।
हमारा बजट मोदी की गारंटी का, इनका एटीएम का विधायक चंद्राकर ने कहा, उनके 5 साल के बजट और हमारे बजट में बहुत अंतर है। हमारा बजट मोदी की गारंटी का बजट है, लेकिन इनका बजट एटीएम का बजट होता था। आपकी न्याय योजना केवल हाईकमान और कांग्रेसियों तक पहुंची। शराब घाटोले की जांच को लेकर कहा कि ईडी को सरकार पूरा सहयोग करें। उनका आरोप था कि कांग्रेस ने मूर्ति के नाम पर भी पैसा खाने का काम किया। ऐसी कंपनी को ठेका, जो पहले से ब्लैक लिस्ट थी।
कांग्रेस शासन में अव्यवस्था की स्थिति थी : साय मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने कहा, मैं राज्यपाल द्वारा दिए गए भाषण का आभारी हूं। भाजपा घोषणा-पत्र में शामिल सभी वादों को योजनाओं के माध्यम से लागू करेंगे और पूरा करेंगे। बीते 5 साल में अव्यवस्था की स्थिति रही। आर्थिक कुप्रबंधन को दूर कर हम आर्थिक उन्नति की ओर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, पिछले दिनों ऐसा माहौल बनाया गया था कि, मानो आप सत्ता में आने के लिए कुछ भी वादे कर लेंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपना भाषण छत्तीसगढ़ के सुविख्यात कवि दिवंगत लक्ष्मण मस्तूरिया के गीत की पंक्ति मोर संग चलव रे से किया।
सत्तापक्ष के नेताओं ने राज्यपाल का उड़ाया उपहास राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन चर्चा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा, राज्यपाल के अभिभाषण से मैं दु:खी हूं। सत्तापक्ष के नेताओं ने केवल राज्यपाल का उपहास किया, इससे मैं दु:खी हूं। नए विधायक जो सीखने आए हैं वो केवल आरोप-प्रत्यारोप में उलझ गए हैं। चुनावी प्रक्रिया को राज्यपाल से पढ़ाया गया, इसकी क्या आवश्यकता थी। महंत ने कहा, नक्सली उत्पात के बारे में राज्यपाल ने कहा कि तस्वीर बदली, पर वो कांग्रेस कार्यकाल में बदली। इसका जिक्र नहीं हुआ।
तोड़ दी जय-वीरू की दोस्ती विधानसभा में चर्चा के दौरान भूपेश बघेल ने सरगुजा विधायक राजेश अग्रवाल पर टिप्पणी करते हुए कहा, वे बड़े नेता को हरा कर आए हैं। उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान मिलेगा। इस पर उन्होंने कहा, मैंने तो आपकी मदद की है। इस पर सभी हंसने लगे। फिर बघेल ने कहा कि आपने जय-वीरू की जोड़ी तोड़ दी।
विधानसभा सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर करीब चार घंटे चर्चा हुई। चर्चा में सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों ने भाग लिया। इसमें 29 विधायकों ने संशोधन प्रस्ताव दिया था, जो कि खारिज हो गया।
पीएससी मामले की सीबीआई जांच की मांगचर्चा के दौरान भाजपा विधायक ओपी चौधरी ने सीजीपीएससी के मामले को उठाया। उन्होंने अपनी सरकार से पीएससी मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग रखी।
उन्होंने कहा, सीजीपीएससी में बड़ा घोटाला हुआ है। मैंने चुनाव प्रचार के दौरान महसूस किया। एक मां ने रोते हुए अपनी बात कही कि, बेटा को इंटरव्यू में नंबर दिया गया है, लेकिन उसका चयन नहीं हुआ। छत्तीसगढ़ की पीएससी में गलत प्रश्न और गलत उत्तर बताए गए। सीएम के भेंट मुलाकात के कार्यक्रम की तारीख भी पूछी गई थी। मेंस में काफी बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है।