CG Politics: कई विधायकों ने सदन में नहीं पूछा एक भी सवाल
सरकार के 1 साल कार्यकाल पूरा होने के साथ ही विधायकों का भी 1 साल का कार्यकाल हो चुका है। विधायकों के कामकाज का आकलन करने के लिए जब पत्रिका ने विधानसभा सत्र के आंकड़ों को खंगाला तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद मंत्रिपरिषद की दौड़ में शामिल कई विधायकों ने सदन में एक भी सवाल नहीं पूछा। इसमें पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल जैसे दिग्गज नेताओं के नाम शामिल हैं। इनके अलावा बीजापुर के विधायक और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने भी सदन में एक भी सवाल नहीं किया। सदन में सवाल नहीं पूछने वालों की सूची में भारतीय प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़कर राजनीति में आने वाले केशकाल के विधायक नीलकंठ टेकाम भी शामिल हैं। जिन विधायकों ने सवाल नहीं किया उनमें से ज्यादातर मंत्रिमंडल की रेस में शामिल हैं।
इन्होंने नहीं पूछा एक भी सवाल
रेणुका सिंह, भूलन सिंह मराबी, अमर अग्रवाल, विक्रम उसेंडी, डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, नीलकंठ टेकाम यह भी पढ़ें
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सुनील सोनी भी नहीं लगा सके सवाल
रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से नवनिर्वाचित विधायक सुनील सोनी भी विधानसभा में सवाल नहीं लगा सके। दरअसल सोनी को उपचुनाव में जीत हासिल हुई थी। इसके बाद उन्हें 28 नवंबर को विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ दिलाई गई थी। जबकि, शीतकालीन सत्र के दौरान विधायकों को सवाल पूछने के लिए 28 नवंबर तक का ही समय दिया गया था। इस वजह से विधायक सोनी सदन में एक भी सवाल नहीं लगाए थे।इन नेताओं ने पूछे ढेरों सवाल
सदन में सत्तापक्ष के विधायकों ने भी अपनी ही सरकार से ढेरों सवाल पूछे। इसमें सबसे ज्यादा अजय चंद्राकर, धरम लाल कौशिक, धरमजीत सिंह सहित अन्य शामिल हैं। साथ ही कांग्रेस सरकार में हुए अनियमितता के मामले भी खूब उठाए। सदन में कई बार तो भाजपा विधायक अपने की मंत्रियों को भी सवालों से घेरते नजर आए। फरवरी-मार्च में हुई कुल 19 बैठक और 2448 सवाल लगे जुलाई में कुल पांच बैठक हुई और 966 सवाल लगे दिसंबर में कुल 4 बैठक हुई और 814 सवाल लगे 1 साल में कुल 28 बैठक हुई 4228 सवाल लगे।