इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है, कि पटवारियों का काम करने से किसानों की मुश्किलें कम होने की बजाय और बढ़ने की संभावना ज्यादा है। (cg raipur hindi news) चूंकि वर्तमान में ज्यादातर खसरों की टुकड़ों में रजिस्ट्रियां होती हैं। इससे पहले आरआई संघ ने भी पटवारियों का काम करने से मना कर दिया था। दूसरी ओर पटवारी संघ अभी भी हड़ताल में डटा हुआ है। (cg news today) राजस्व के काम के अलावा पटवारियों की हड़ताल के कारण जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं।
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इनकार की यह है वजह तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का कहना है कि पूरा-पूरा खसरा और रकबा की रजिस्ट्री होती है, तो नक्शा काटने की जरूरत नहीं होती है। (raipur news hindi) जबकि टुकड़ों में रजिस्ट्री होने से बिना नक्शा काटे रिकार्ड दुरुस्तीकरण संभव नहीं है। वहीं, नक्शा काटने का काम बिना मैनुअल नक्शा देखे बगैर संभव नहीं है। इसकी वजह से अगर तहसीलदार से किसी प्रकार की गलती हो गई, तो सुधार के लिए एसडीएम के पास आवेदन करना होगा और फिर आदेश तहसीलदार के पास आएगा। इस पूरी प्रक्रिया में किसानों को कई पेशी झेलनी पड़ेगी और परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। (cg raipur news) ऐसी स्थिति में संघ ने पटवारियों का काम करने से किनारा कर लिया है। यह भी पढ़ें
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एस्मा का जमकर विरोध, नारेबाजी तूता स्थित धरनास्थल पर गुरुवार को पटवारियों ने एस्मा कानून के विरोध में प्रदर्शन और नारेबाजी की। जिला अध्यक्ष कमलेश तिवारी ने बताया कि हड़ताल को 23 दिन हो गए हैं। शासन-प्रशासन हमारी मांगों पर कोई विचार करना तो दूर हमसे बात करने का समय नहीं है। इसलिए अनिश्चितकालीन हड़ताल अब एक जनआंदोलन के रूप में बदल गया है। यह भी पढ़ें
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रजिस्ट्री के बाद नामांतरण अटका बीते 22 दिनों में राजधानी में 22 सौ से ज्यादा संपत्तियों की रजिस्ट्री हो चुकी है। इसके बाद भी सभी संपत्तियों के मालिक खरीदने वालेनहीं बेचने वाले हैं। यह आंकड़ा प्रदेश में 20 हजार से अधिक है। बीते 23 दिनों से पटवारी हड़ताल में चल रहे हैं, जिसके बाद से लैंड रेकॉर्ड दुरुस्तगी का काम पूरी तरह से बंद है। (Raipur news today) खुद शासन के नियमानुसार एक सप्ताह में रजिस्ट्री हुई संपत्ति का नामांतरण हो जाना चाहिए। सीमांकन-बटांकन के प्रकरण भी बारिश के पहले पूरा करके देना है, जो अभी नहीं हो पा रहा है। यह भी पढ़ें
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इससे छात्रों, शासकीय नौकरी के लिए आवेदन और बेरोजगारी भत्ता के लिए आवेदन करने वालों के जरूरी दस्तावेज नहीं बन पा रहे हैं। आने वाले दिनों में खरीफ की बुवाई शुरू होने से पहले गिरदावरी रिपोर्ट भी पटवारियों को बनानी है। 8 हजार से ज्यादा प्रकरण रायपुर में लंबित – न्यायालय एसडीएम रायपुर – 1102 – न्यायालय तहसीलदार रायपुर – 796 – न्यायालय कलेक्टर रायपुर – 569 – न्यायालय एसडीएम अभनपुर – 421
– न्यायालय तहसीलदार गोबरा नवापार – 364 – न्यायालय नजूल अधिकारी रायपुर – 353 – न्यायालय अतिरिक्त तह्सीलदार, रायपुर – 349 – न्यायालय तह्सीलदार अभनपुर – 317 – न्यायालय नायब तहसीलदार रायपुर-02 A – 310
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पटवारियों की हड़ताल अब भी जारी है। हड़ताल को खत्म करने को लेकर सीएम के सख्त निर्देश के बाद प्रशासन की ओर से इनके खिलाफ एस्मा लगा दिया गया है। फिलहाल पटवारी आंदोलन छोड़ने को तैयार नहीं है। (cg news) उनका कहना है कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाती, तब तक हम हड़ताल पर डटे रहेंगे। -भागवत कश्यप, प्रदेश अध्यक्ष पटवारी संघ शासन की योजना का किसानों मुश्किलें काम होने की बजाय बढ़ेंगी। इस वजह से हम इसका विरोध कर रहे है। (cg news update) क्युकी इसमें कई तरह की तकनिकी दिक्कतें हैजिसकी वजह से भविष्य में परेशानियां होना तय है।
– कृष्ण कुमार लहरे, प्रांताध्यक्ष, छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ
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