CG News: इस तरह हो रहा रेत सप्लायर
यही वजह है कि पारागांव सहित अन्य घाटों से रेत उत्खनन किया जा रहा है।
बारिश कम होने से महानदी में पानी का स्तर कम हो गया है। कई जगह सतह उभर आई है और किनारे भी दिखने लगे हैं। रेत माफिया इन्हीं स्थानों से रेत निकाल रहे हैं। कई जगह पानी से ही रेत निकाल रहे हैं।
पारागांव रेतघाट और महानदी पुल के पास दोनों ओर से रेत निकाला जा रहा है। (CG News) ट्रैक्टर और चैन माउंटटेन मशीन के जरिए नदी से रेत निकाल कर किनारे में लाते हैं। फिर हाइवा में लोड करके रेत सप्लायरों को बेच रहे हैं।
15 अक्टूबर तक है रोक
जिला प्रशासन ने 15 जून से 15 अक्टूबर तक जिले के सभी रेत घाटों से रेत निकालने पर रोक लगाई गई है। आमतौर पर 15 अक्टूबर तक बारिश का सीजन खत्म हो जाता है। इसके बाद ही ठेकेदारों को रेत निकालने की अनुमति दी जाती है। इसके बाद भी जिले में
रेत माफिया (Sand mafia) बेखौफ होकर रेत निकाल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक खनिज विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी है। लेकिन कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
12 से 15 हजार हाइवा बिक रही रेत
शहर में रेत 12 हजार से लेकर 15 हजार रुपए में बिक रहा है, जबकि घाट से मुफ्त में निकाल रहे हैं। बताया जाता है कि रेत निकालने वाले खनिज विभाग से लेकर स्थानीय पुलिस तक को मैनेज करके चलते हैं। संबंधित गांव के सरपंच और अन्य लोगों भी इसमें शामिल रहते हैं।
रायपुर जिले के प्रमुख घाट
रायपुर के आरंग और महासमुंद जिले से लगी महानदी के पारागांव, कागदेही, हरदीडीह, कोलियारी, लखना, चिखली, मोहमेला, कुरूद, बड़गांव, खड़सा, मोहकम, खमतराई आदि प्रमुख रेत घाट है। रायपुर, माइनिंग, ज्वाइंट डॉयरेक्टर, अनुराग दीवान
CG News: जहां से अवैध रेत खनन की सूचना मिलती है, (CG News) खनिज विभाग की टीम कार्रवाई करती है। इस मामले की भी जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। 15 अक्टूबर से पहले रेत खनन करना अवैध है।