केंद्र और राज्य सरकार की मदद से छत्तीसगढ़ विकास की नई दिशा में आगे जाए, इसके लिए पत्रिका ने विशेषज्ञों के साथ मिलकर राज्य सरकार के 100 दिन के कामकाज का रोडमैप तैयार किया है। इनमें से कुछ काम तो ऐसे हैं, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय से आसानी से पूरा किया जा सकता है। इसका सीधा फायदा प्रदेश की जनता को होगा और सरकार की साख में भी वृद्धि होगी।
कुछ ऐसे भी काम हैं, जिनके लिए दीर्घकालीन कार्य योजना बनाई गई है। इसके लिए 100 दिन में कुछ न कुछ काम होना जरूरी है। विशेषज्ञ मानते है कि डबल इंजन की सरकार होने से केंद्र और राज्य सरकार के बीच फाइलों का मूववेंट तेजी से होगा। गरीबों के मकान और नल-जल योजना सहित अन्य केंद्रीय योजनाओं में गति आएगी।
किसान कल्याण
- – प्रदेश के खेतिहर मजदूरों को फिर से हर साल मिले आर्थिक सहायता
यह होना चाहिए – दीनदयाल उपाध्याय कृषि मजदूर कल्याण योजना की जल्द शुरुआत हो। इसमें 10 हजार रुपए सालाना मिलना है। - – महानदी जल विवाद के निपटारे में तेजी आनी चाहिए। प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार हो।
यह होना चाहिए- केंद्र और ओडिशा दोनों में भाजपा की सरकार है। इसका समय-सीमा में निपटरा हो।
- – प्रदेश की महिला जनप्रतिनिधियों को मिले आरक्षण
यह होना चाहिए- केंद्र सरकार ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक पारित किया है। छत्तीसगढ़ सरकार भी इसे विधानसभा में पारित करें। - – रेडी-टू-ईट का संचालन महिला स्व-सहायता समूह करें।
यह होना चाहिए- केंद्र सरकार से पत्राचार करना चाहिए, ताकि जल्द से जल्द आदेश जारी हो सकें।
- – शासकीय पदों पर हो भर्ती की शुरुआत
- यह होना चाहिए- भर्ती के लिए एक कैलेंडर बनाना चाहिए, ताकि युवाओं को तैयार करने का मौका मिले।
- – मध्याह्न भोजन के साथ मिले सुबह का नास्ता भी।
- यह होना चाहिए – इस शिक्षा सत्र से हो नमो पोषण अभियान की शुरुआत। आकांक्षी जिलों में पहले लागू कर सकते हैं।
- – भ्रष्टाचार विरोध जीरो टॉलरेंस नीति पर काम हो।
यह होना चाहिए- भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोग बने। दोषियों पर समय-सीमा में कार्रवाई हो। - – भूमि संबंधी विवादों के निराकरण में तेजी आए।
यह होना चाहिए- जिला मुख्यालयों में भूमि थाना की स्थापना के लिए बजट सत्र में राशि मंजूर हो।
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मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर- – केंद्र सरकार के साथ मिलकर दुर्ग, भिलाई और राजनांदगांव भी स्मार्ट सिटी बने।
यह होना चाहिए- दुर्ग, भिलाई और राजनांदगांव के नाम का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजना चाहिए। - – गांव के विकास में भी तेजी आए।
- यह होना चाहिए – गांवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने के लिए डीपीआर तैयार किया जाए, ताकि किसान के खेतों तक भी सड़क पहुंचे।
- – जीएससी प्रक्रिया में सरलीकरण हो
- यह होना चाहिए- व्यापारियों व उद्योगपतियों से सुझाव लेकर एक प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजना चाहिए।
- – छोटे व्यापारियों को भी आसानी से मिले कर्ज
- यह होना चाहिए- पीएम मुद्रा लोन के नियमों में भी लचीलापन लाना होगा। इसके लिए सरकार व्यापारियों से सुझाव लें।
- – प्रधानमंत्री आवास योजना का काम गति पकड़े
- यह होना चाहिए – इसके लिए सभी जिलों को टारगेट दिया जाए। इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाए।
- – फार्म-टूरिज्म को बढ़ा देने बने कार्ययोजना
- यह होना चाहिए – जनजातीय समूह को सशक्त बनाने के लिए आकांक्षी जिलों में इसके लिए पहल की जा सकती है।
- – हर किसी को मिले सस्ता इलाज और दवा
यह होना चाहिए- एम्स की तर्ज पर हर संभाग में बड़े अस्पताल की नींव रखी जाए। हर जिले में कम से कम दो-दो नए जन औषधि केंद्र खुले
- – बजट बढ़ाएं, बीमा राशि को करें दोगुना
- यह होना चाहिए – अनुपूरक बजट में स्वास्थ्य विभाग के लिए अधिक राशि रखी जाए। आयुष्मान भारत के लिए 10 लाख के बीमा के लिए कागजी कार्रवाई शुरू हो।
- – पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिले और मार्केटिंग हो
यह होना चाहिए- रोजगार को बढ़ावा देने वाली नई पर्यटन नीति पर काम शुरू हो। राज्य में पर्यटन मार्केटिंग सेल का गठन हो।
- – छत्तीसगढ़ फिल्मों को बढ़ावा मिले और कलाकारों को अनुदान
- यह होना चाहिए – छत्तीसगढ़ में फिल्मसिटी के काम में तेजी आए। इसके लिए छत्तीसगढ़ी फिल्म एवं टेलीविजन बोर्ड का गठन हो।
छत्तीसगढ़ संभावनाओं से भरा हुआ राज्य है। पिछले बार केंद्र में एनडीए और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने से उपेक्षा के आरोप लगते रहे हैं। इस पर डबल इंजन की सरकार है। ऐसे में उम्मीद है कि आरोप-प्रत्यारोप का दौर नहीं चलेगा और प्रदेश में विकास की गति को नए पंख लगेंगे। छत्तीसगढ़ भी विकसित भारत के विजन में अपनी भूमिका निभाने में कामयाब हो सकेगा। वहीं सरकार के सामने अब वादों को पूरा करने की बड़ी चुनौती होगी।