Bhilai Crime: दोस्त के साथ बनाना चाह रहा था अप्राकृतिक संबंध, मना किया तो कर दी हत्या, प्राइवेट पार्ट को नोंचा..
नेहरू मेडिकल कॉलेज व इससे संबद्ध अस्पताल को मशीन, उपकरण व मेंटेनेंस के लिए राज्य सरकार फंड देती है। पिछले पांच सालों के फंड को देखें तो ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर फंड दिया गया है। पहले के वर्षों में औसतन हर साल 25 करोड़ या इससे ज्यादा फंड मिलता रहा है। कांग्रेस सरकार बनने के बाद बजट में ऐसी कटौती की गई कि जिसका अंदाजा किसी को नहीं था। कम फंड मिलने का नुकसान ये हुआ कि पिछले पांच साल में एक भी बड़ी मशीन नहीं खरीदी जा सकी। जबकि एमआरआई, सीटी स्कैन, डीएसए एक्सपायर होने वाली है। वहीं सीटी सिम्युलेटर, ब्रेकीथैरेपी, चार एक्सरे समेत अन्य मशीनें एक्सपायर हो चुकी हैं।CG News: कौन सी मशीनें कब से बंद
मशीन – विभाग – कब से बंद एमआरआई – रेडियो डायग्नोसिस – 20 दिन
सीटी इंजेक्टर रेडियो डायग्नोसिस 4 माह
डिजिटल रेडियोग्राफी 1 – रेडियो डायग्नोसिस – 2 साल
डिजिटल रेडियोग्राफी 2 – रेडियो डायग्नोसिस – 1 साल
सी-आर्म – ऑर्थोपीडिक ओटी – 4 माह
थ्रीडी इको – कार्डियोलॉजी – 6 माह
सीटी सिम्युलेटर – कैंसर – 18 माह
इको मशीन – मेडिसिन – 12 माह
ब्लड जांच मशीन – पैथोलॉजी – 2 माह
डायबिटीज विशेष जांच – बायो केमेस्ट्री – 6 माह
नरवा, घुरवा और गोबर में खर्च करने का हल्ला
पिछली सरकार ने पिछले पांच सालों में मेडिकल कॉलेज को बहुत कम फंड दिया है। डॉक्टरों समेत स्टाफ में चर्चा है कि हैल्थ पर खर्च करने के बजाय नरवा, घुरवा व गोबर खरीदी पर खर्च किया गया है। इसलिए कॉलेज को पर्याप्त फंड नहीं दिया गया। फंड नहीं देने से मरीजों के इलाज व जांच संबंधी जरूरी मशीनें खराब हो गईं। या नई मशीनें खरीदने में परेशानी हो रही है, क्योंकि प्रस्ताव के बाद भी इसे मंजूरी नहीं मिली। एमआरआई-सीटी स्कैन बहुत जरूरी मशीनें हैं। इतने बड़े कॉलेज में ये मशीनें केवल एक-एक है। ऐसे में बंद होने से खासकर गरीब मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।पिछले पांच सालमें मिली राशि
वर्ष – राशि करोड़ में2018-19 – 16.50
2019-20 – 00
2020-21 – 14.45
2021-22 – 00
2022-23 – 00
कुल 30.95 करोड़ रु जो मशीनें बंद हैं, उन्हें सुधरवाने का प्रयास किया जा रहा है। जो मशीनें एक्सपायर हो चुकी हैं, इसके लिए नई मशीनें खरीदने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। एमआरआई व सीटी स्कैन काफी पुराना हो गया है। नई मशीन खरीदने की जरूरत है। प्रस्ताव पहले ही भेजा जा चुका है।