CG News: दरअसल एयर लिफ्ट होने के केवल 10 मिनट में महिला की मौत हो गई थी। महिला वेंटीलेंटर पर थी, इसलिए विशेषज्ञों के अनुसार 15 मिनट में मौत नहीं हो सकती। ये तभी हो सकता है, जब महिला को पर्याप्त ऑक्सीजन न मिली हो और इसके कारण हार्ट अटैक आ गया हो। महिला दोपहर 3.55 बजे तक ठीक थी। शाम 4.10 बजे उनकी मौत हो गई।
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CG News: आखिर एयर लिफ्ट के 10 मिनट में मौत कैसे हो गई?
रेड एंबुलेंस के प्रतिनिधि भी महिला की मौत हार्ट अटैक से बता रहे हैं। जांच कमेटी को ये नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर एयर लिफ्ट के 10 मिनट में मौत कैसे हो गई? इस पर रेड एंबुलेंस के अधिकारी चुप्पी साध जाते हैं। जांच कमेटी को आशंका है कि दिल्ली से पटना व पटना से रायपुर आई एयर एंबुलेंस की ऑक्सीजन खत्म हो गई होगी या पर्याप्त प्रेशर नहीं होने से स्वाइन फ्लू की मरीज की मौत हो गई होगी। सीएचएचओ की जांच कमेटी ने सोमवार को मरीज के परिजन, महिला का इलाज करने वाले डॉ. दीपक मस्के व रेड एंबुलेंस के अधिकारियों को तलब कर बयान लिया। इसमें रेड एंबुलेंस के अधिकारी गोल-मोल जवाब देते रहे। दरअसल कमेटी के सवाल थे कि जिस एयर एंबुलेंस से महिला को रायपुर से हैदराबाद ले जा रहे थे, उसी से दिल्ली से पटना एक मरीज को ले गए। क्या तब एयर एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर का ऑक्सीजन लेवल चेक किए थे या नहीं। जब मरीज गंभीर होता है, तब ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। रायपुर से पटना मरीज को एयर लिफ्ट के दौरान ऑक्सीजन तो खत्म नहीं हो गई। मंगलवार को भी इलाज से जुड़े लोगों का बयान लिया जाएगा। रिपोर्ट बुधवार या गुरुवार तक तैयार होने की संभावना है।
क्या था मामला
12 सितंबर को महिला की मौत पर उनके पुत्र ओम खेमानी ने एनएचएमएमआई अस्तपताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था। साथ ही मरीज को जबर्दस्ती हैदराबाद शिफ्ट करने व एयर एंबुलेंस में ऑक्सीजन की कमी व जरूरी उपकरण बंद होने का आरोप लगाया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था। भाजपा मीडिया प्रभारी, मरीज के परिजन व सिंधी समाज के लोग स्वास्थ्य मंत्री व गृह मंत्री से मिलकर अस्पताल व रेड एंबुलेंस के खिलाफ शिकायत की थी। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने मामले के जांच के आदेश दिए थे। एयर एंबुलेंस के लिए 6.11 लाख का किराया था। जबकि अस्पताल में भी भारी-भरकम बिल जमा किया गया था।