CG News: वेरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं होता
पिछले साल कंस्ट्रक्शन एरिया से ज्यादा मरीज आए थे। चूंकि इस एरिया में गड्ढों में साफ पानी रहता है और इसी में डेंगू फैलाने वाले डेंगू मच्छर पनपते हैं। पिछले साल राजधानी में जो डेंगू फैला था, वह डी-1 वेरिएंट का था। यह खुलासा जीनोम सीक्वेंसिंग से हुआ था। डॉक्टरों के अनुसार ये वेरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं होता। इससे बीमारी तो फैलती है, लेकिन मरीजों की मौत कम ही होती है। आंबेडकर अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार राजधानी में जुलाई से सितंबर तक 400 से ज्यादा मरीज मिले थे। ये आंकड़े आंबेडकर व निजी अस्पतालों के हैं।
मौसम में डेंगू के मरीज एडीस पनपते
हालांकि स्वास्थ्य विभाग इन आंकड़ों को नहीं मानता। उनका कहना है कि निजी अस्पतालों से किट की जांच वाले मरीजों को भी डेंगू पीड़ित बता दिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग एलाइजा टेस्ट वाले मरीजों को पॉजीटिव मानता है। आंबेडकर अस्पताल में जो भी जांच हुई है, वह एलाइजा है। इसमें आंबेडकर की ओपीडी व वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या ही 300 पार है। अगस्त व सितंबर से सबसे ज्यादा मरीज सबसे ज्यादा मरीज अगस्त व सितंबर में मिले, जब रूक-रूककर बारिश हो रही थी। इसके बाद सितंबर से मरीज तो आ रहे हैं, लेकिन आंकड़े कम है। विशेषज्ञों के अनुसार उमस जैसे मौसम में डेंगू के मरीज एडीस पनपते हैं।
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रायगढ़ था हॉट स्पॉट, अब राहत
पिछले साल रायगढ़ में 1300 से ज्यादा मरीज मिले थे। ये आंकड़े 8 नवंबर तक के थे। इसके बाद के आंकड़ों को शामिल करें तो वहां 1400 के आसपास मरीज मिल गया था। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 8 नवंबर तक प्रदेश में 1965 मरीज मिल चुके हैं। डेंगू से किसी की मौत नहीं हुई है। हालांकि ये चौंकाता है। निजी अस्पतालों में कुछ मरीजों की मौत हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसे नहीं मानता। दुर्ग में 276, बस्तर में 56, बिलासपुर में 87 मरीज मिले थे। राजधानी में नवंबर से ठंड का मौसम शुरू हो गया है इसलिए डेंगू फैलाने वाले मच्छरों की संया कम हो गई है। अभी मलेरिया फैलाने वाले मादा एनाफिलिज की संया बढ़ गई है। हालांकि इसके केस भी उतने ज्यादा नहीं आ रहे हैं। भोपाल नगर निगम जिनके भी घर में डेंगू फैलाने वाले मच्छर का लार्वा मिलता है, उनके खिलाफ 500 रुपए जुर्माना लगाता है।
पिछले साल चलाया गया जागरुकता अभियान
CG News: रायपुर में ऐसा नियम नहीं है। पिछले साल जागरुकता अभियान चलाया गया। कूलरों, पुराने टायरों, नारियल खटोली या किसी पुराने डब्बों में भरे साफ पानी को खाली करवाया गया। डॉक्टरों के अनुसार, जब तापमान 28 डिग्री से कम हो जाता है, तब एडीएस मच्छर को पनपने में मदद नहीं मिलती। महामारी नियंत्रण, डायरेक्टर डॉ. एस. पामभोई: इस साल डेंगू के मरीज काफी कम मिल रहे हैं। ये राहत की बात है। पिछले साल रायगढ़ में अच्छे खासे मरीज मिले थे। इस बार ऐसी स्थिति नहीं है।