यह भी पढ़ें: CG Livelihood College: लाइवलीहुड कॉलेज में प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन, इन पदों के लिए कर सकते हैं आवेदन… किसी शासकीय प्रक्रिया को ऑनलाईन करने की यह योजना छत्तीसगढ़ के खनन क्षेत्र में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में एक प्रमुख कदम साबित हुआ है। खनिज ऑनलाईन की सफलता से विभाग अब खनिज ऑनलाईन 2.0 योजना पर प्रयासरत है।जिसमें खानों का जियोफेंसिंग, व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम, मोबाईल एप्प आदि के साथ-साथ आरटीओ. रेलवे आदि से इंटीग्रेशन सहित निगरानी एवं नियंत्रण हेतु एक सेन्ट्रल कमाण्ड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना की योजना पर कार्य कर रही है। वर्ष 2018-19 में खनिज ऑनलाईन परियोजना को शासकीय प्रक्रिया एवं व्यवस्था का डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन के माध्यम से रि-इंजीनियरिंग करने हेतु किये गये पहल एवं क्रियान्वयन में उत्कृष्टता को पहचान एवं बढ़ावा देने हेतु भारत सरकार द्वारा नेशनल अवार्ड फॉर ई-गवर्नेस भी दिया गया है।
गौरतलब है खनिज ऑनलाईन पोर्टल 21 जून, 2017 से संचालित किया जा रहा है। इस पोर्टल में खनन संक्रिया से संबद्ध स्टेकहोल्डर्स जैसे खान मालिकों, प्रोसेसिंग, परिवहनकर्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं, एण्ड यूज प्लांट ऑनर्स को कार्य में सुगमता की दृष्टि से विभिन्न प्रायोजनों हेतु ऑनलाईन आवेदन, सिंगल क्लिक पेमेंट, सिस्टम जनरेटेड बार कोडेड ई-ट्रांजिट पास, एंड-टू-एंड ट्रैकिंग की व्यवस्था की गई है।
पोर्टल के माध्यम से खनन संक्रिया, प्रसंस्करण, परिवहन, एंड-यूज आदि में संलग्न सभी स्टेकहोल्डर्स सिंगल प्लेटफार्म में कार्य करते हैं। खनन संक्रिया में संलग्न देश की नवरत्न कंपनियां जैसे एनएमडीसी, एसईसीएल आदि के साथ-साथ निजी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों यथा बालको, हिण्डालको, अल्ट्रोटेक, सीमेंट, ईमामी, जायसवाल निको, गोदावरी पॉवर, जेके लक्ष्मी, नुवोको, अम्बुजा के साथ-साथ छोटे-छोटे डोलोमाईट उत्खनिपट्टाधारकों द्वारा भी खनिज ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से सफलतापूर्वक खनन व्यवसाय किया जा रहा है।