अचानक बीआईएस प्रमाणन अनिवार्य किया
एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल द्वारा केंद्रीय खाद्य मंत्री एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री प्रहलाद जोशी से शिकायत की गई थी। इसमें बताया गया था कि केंद्र सरकार ने फोर्टिफाइड राइस कर्नल्स ( एफआरके) निर्माण इकाइयों को प्राथमिकता क्षेत्र में रखा है। यह राष्ट्रीय पोषण सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन नेफेड द्वारा जारी हालिया टेंडर से छत्तीसगढ़ की 80 फीसदी से अधिक एफआरके इकाइयां अयोग्य हो जाएंगी। इस टेंडर में बीआईएस प्रमाणन अनिवार्य किया गया है, जबकि नेफेड ने इम्पैनलमेंट के समय और इससे पहले अनिवार्य नहीं बताया था।Coal & Custom Milling Scam: कोयला और कस्टम मीलिंग घोटाले के आरोपियों का नहीं होगा नार्को टेस्ट, स्पेशल कोर्ट में हुई सुनवाई
प्रदेश में किसी के पास ये प्रमाण-पत्र नहीं
इस अचानक शर्त को लागू करने से राज्य की कई इकाइयां बंद होने की कगार पर आ गई हैं। जिससे 5000 से अधिक लोगों के रोजगार पर संकट खड़ा हो गया है। प्रदेश में एफआरके इकाइयों के पास बीआईएस प्रमाणन नहीं है। यह शर्त ऐसे समय में लागू की गई है जब एफएसएसएआई ने 5 फरवरी 2024 को स्पष्ट किया कि किसी भी खाद्य उत्पाद के लिए बीआईएस या एगमार्क प्रमाणन अनिवार्य नहीं है। अचानक लागू की गई शर्त, पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करती है और इससे कुछ व्यक्तियों को अनुचित लाभ पहुंचाने की संभावना भी पैदा होती है।जांच होगी