CG News: तिलहन फसलों का रकबा भी बढ़ा
वहीं दूसरी ओर दलहन फसल का लक्ष्य पिछले वर्ष 3.860 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य था और इस वर्ष 5.387 हजार हेक्टेयर में फसल लेने का लक्ष्य है। इस तरह दलहन फसल के लक्ष्य में वृद्धि की गई है। अब तक 3.737 दलहन की फसल ली गई है। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रबी की फसल 45.574 हजार हेक्टेयर में ली जाएगी, रबी फसल, 21.892 हजार हेक्टेयर में सिंचाई की गई है। रबी सीजन में इस बार किसानों को दलहन, गेहूं, रागी आदि फसल लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। हालाकि अभी भी अधिकांश किसान धान की फसल ही ले रहे हैं। हालाकि शासन प्रतिवर्ष धान की फसल का रकबा घटते जा रहा है। दलहन फसल में ज्यादतर किसान चना, मटर, मसूर, उड़द, तिवड़ा आदि की फसल ले रहे हैं। वहीं तिलहन फसलों का रकबा भी बढ़ा है।
सिंचाई के लिए संसाधन नहीं
पिछले वर्ष 1.411 हजार हेक्टेयर में लेने का लक्ष्य था, इस वर्ष 1.454 हजार हेक्टेयर लक्ष्य है। अब तक 1.284 हजार हेक्टेयर फसल ली जा चुकी है। तिलहन में ज्यादातर किसान अलसी, सरसों तिल, सूर्यमूखी, कुसुम, मूंगफली की फसल लेते हैं। धान की फसल में पानी की अधिक आवाश्यकता होती है। पिछले कुछ वर्षों में गर्मी ज्यादा होने से जलाशय व तालाब सूख जाते हैं, जिससे सिंचाई के लिए संसाधन नहीं होते हैं, जिससे किसानों को भी नुकसान होता है। यहां पढ़ें भी: CG Dhan Kharidi: भ्रम फैलाने वालों पर सरकार करेगी कार्रवाई, CM ने कहा- 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से हो रही खरीदी
कई किसानों के खेतों तक पानी नहीं
इस कारण किसानों को गेहूं की फसल लेने भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। पिछले वर्ष 2.431 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल लेने का लक्ष्य रखा गया था। इस वर्ष लक्ष्य में बढ़ोत्तरी की गई है। गेहूं फसल लेने का लक्ष्य 3.224 कर दिया गया है। अब तक 2.662 हजार हेक्टेयर में सिंचाई भी की जा चुकी है। इस वर्ष कोडार बांध से भी किसानों को पानी नहीं मिलेगा। इस कारण धान की फसल लेने किसान कम रुचि दिखा रहे है। CG News: सहायक संचालक कृषि परमजीत सिंह कंवर ने बताया कि रबी सीजन में अब तक 21.892 हजार हेक्टयर में सिंचाई हो चुकी है। अभी सिंचाई की जा रही है। आगामी कुछ सप्ताह में सिंचित फसलों का रकबा और बढ़ेगा। कोडार बांध में इस वर्ष 12 फीट ही पानी है। धान की फसल के लिए पानी की आवश्यकता होती है। इस बार कोडार बांध से रबी सीजन के लिए पानी नहीं दिया जाएगा। मानसून सीजन में कम बारिश होने के कारण इस बार जलाशयों में पर्याप्त पानी नहीं भर पाया। इसके कारण कई किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाया है।