ग्रामीणों को जंगल में न जाने की दी गई समझाइश
गरियाबंद। वन मण्डाधिकारी मयंक अग्रवाल ने बताया कि 4 जनवरी को दिन में 15 से 20 हाथियों का दल (जो कि दिन में ग्राम दशपुर के पास कक्ष क्रमांक 647 में आराम कर रहे थे) शाम को लगभग 5 बजे कक्ष क्रमांक 659.660 से होते हुए रायपुर-देवभोग राष्ट्रीय राज्य मार्ग 130-सी को पार कर कमार डेरा ग्राम भीरालाट के पास पहुंचा। वहां कमार परिवार के 5 घर बना हुआ है। परिवार के सभी सदस्यों को हाथी के विचरण की सूचना देकर किसी भी प्रकार की जनहानि से बचाने के लिए सुरक्षित पक्के मकान में ले जाकर रखा गया। कमार डेरा से हाथी विचरण करते हुए ग्राम भीरालाटए पण्डरीपानी से होते हुए पण्डरीपानी के बाहर खेत में ग्राम जैतपुरी निवासी प्रभुलाल के मकान को क्षति किया। जिसमें निवासरत परिवार के सभी सदस्यों पूर्व में ही वनकर्मचारियों के द्वारा समय रहते पण्डरीपानी के पक्के घरों में शिफ्ट कर दिया गया था। इस दरम्यान बिजली करंट से हाथी प्रभावित न हो उसके लिअ विद्युत विभाग के सहयोग से विद्युत गतिरोध किया गया था। हाथी द्वारा क्षति किए गए घरों का क्षति का आंकलन किया गया है। 5 जनवरी को ग्राम देवरीबाहरा और अंदोरा के पास कक्ष क्रमांक 703 में विश्राम कर रहा है तथा ग्रामीणों को जंगल में न जाने की समझाइश दी जा रही है। ऐहतियात के तौर पर आसपास के समस्त ग्रामों में वनकर्मचारियों के द्वारा मुनादी करा दी गई है। शाम 5 बजे से पुन: वन परिक्षेत्र गरियाबंदए नवागढ़, धवलपुर के अधिकारियों, कर्मचारियों व हाथी मित्र दल के सदस्यों द्वारा ग्रामीणों के सहयोग से हाथी के विचरण पर नजर रखा जाएगा।