CG Naxal: इससे पहले भी शहर में नक्सलियों के हथियार बरामद हो चुके हैं। अर्बन नेटवर्क से जुड़े लोग पकड़े जा चुके हैं। वर्तमान में जंगल में फोर्स के मूवमेंट बढ़ने से नक्सलियों पर भारी दबाव है। सूत्रों के मुताबिक इसके चलते कई नक्सली और उनके समर्थक शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं।
CG Naxal: आउटर में मूवमेंट
शहर के आउटर के इलाके में पुलिस का मूवमेंट अपेक्षाकृत कम होता है। इससे नक्सलियों के अर्बन नेटवर्क से जुड़े लोगों के आउटर में मूवमेंट करने की आशंका है। आउटर होने के कारण आसानी से आना-जाना करते हैं। ग्रामीणों और
मजदूरों की वेशभूषा में उनको आसानी से पहचाना नहीं जा सकता है। शुक्रवार की शाम फुंडहर के छोकरा नाले में 84 जिंदा कारतूस मिले थे। ये कारतूस 303 बोर, एमएमके, इंसास जैसे हथियारों में इस्तेमाल होते हैं। इन हथियारों का इस्तेमाल बस्तर के नक्सली करते हैं। कारतूस मिलने से हथियार भी होने की आशंका है।
पहले भी मिलते रहे हैं हथियार: रायपुर में इससे पहले भी नक्सलियों के हथियार मिल चुके हैं। टाटीबंध के एक यार्ड में, डीडी नगर इलाके में भी
हथियार बरामद हुए थे। करीब चार साल पहले नक्सलियों को वॉकी टॉकी, कंप्यूटर व अन्य सामान सप्लाई करने वाले हितेश को पुलिस ने पुरानी बस्ती इलाके से पकड़ा था। इससे पहले शंकर नगर से भी नक्सली समर्थक पकड़े जा चुके हैं।
दुर्ग-भिलाई में मिला था जखीरा
जून 2009 में पुरानी भिलाई के दादर-पथर्रा मार्ग के मुक्तिधाम के पास एक कुएं में बड़ी मात्रा में हथियारों का जखीरा मिला था। इसमें 315 बोर के कुल 1135 नग, एसएलआर 7.62 एमएम के 477 नग, एके 47 रायफल के 29 नग, 038 बोर के 50 नग, 455 बोर के 28 नग, 12 बोर के कुल 454 नग, 32 बोर के दो जिंदा कारतूस मिला था। इसके अलावा एक 315 बोर का देशी कटटा, एसएलआर
कारतूस के 17 चार्जर आदि मिले थे।