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CG Medical News: डिप्लोमा फार्मेसी कोर्स की पढ़ाई तीन हिस्सों में होती है। भाग एक, दो और तीन में प्रेक्टिकल ट्रेनिंग व इंटर्नशिप होती है। प्रेक्टिकल या इंटर्नशिप केंद्र या राज्य सरकार के किसी भी अस्पताल में या लाइसेंसधारी किसी भी प्राइवेट मेडिकल स्टोर में पंजीकृत फार्मासिस्ट की देखरेख में किया जा सकता है। शासन से निर्देश नहीं होने के कारण प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में इंटर्नशिप प्राप्त होने में छात्रों को कठिनाई हो रही थी। इसलिए छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल ने चिकित्सा शिक्षा तथा स्वास्थ्य संचालनालय को पत्र लिखकर इसकी मांग की थी। सेकंड ईयर की परीक्षा में सम्मिलित हो चुके छात्र को पंजीकृत फार्मासिस्ट की देखरेख में 3 माह या कम से कम 500 घंटे की इंटर्नशिप की आवश्यकता होती है। फार्मासिस्ट बनने के बाद छात्र मेडिकल स्टोर संचालन से लेकर सरकारी व निजी अस्पतालों में दवा वितरण का कार्य कर सकते हैं। हालांकि प्रदेश में कई मेडिकल स्टोर दूसरों के लाइसेंस पर संचालन हो रहा है। इस पर ड्रग विभाग की कार्रवाई नहीं के बराबर है।