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रायपुर

CG Medical College: प्रबंधन सख्त! रैगिंग रोकने लाइब्रेरी, पार्किंग व कॉलेज के कोनों में मारेंगे छापे

CG Medical College: रायपुर में प. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की घटना के बाद इसे रोकने के लिए प्रबंधन सख्त हो गया है। कॉलेज में एंटी रैगिंग स्क्वाड का गठन किया गया है।

रायपुरNov 19, 2024 / 12:28 pm

Shradha Jaiswal

Medical college
CG Medical College: छत्तीसगढ़ के रायपुर में प. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की घटना के बाद इसे रोकने के लिए प्रबंधन सख्त हो गया है। कॉलेज में एंटी रैगिंग स्क्वाड का गठन किया गया है। स्क्वाड लाइब्रेरी, पार्किंग एरिया, अस्पताल के कोनों या किराए के मकान के आसपास अचानक छापामार कार्रवाई करेगा। ताकि संभावित रैगिंग की घटना को रोका जा सके। फर्स्ट ईयर के छात्रों को गोपनीय पत्र के माध्यम से भी रैगिंग की जानकारी देने को कहा गया है। ताकि ऐसी घटना को रोका जा सके।
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CG Medical College: एंटी रैगिंग स्क्वाड का गठन

CG Medical College: एंटी रैगिंग स्क्वाड को 6 बिंदुओं पर काम करने होंगे। इसमें छात्र-छात्राओं को रैगिंग के विषय में जागृत भी किया जाएगा। रैगिंग के संभावित क्षेत्रों की सघन निगरानी नियमित रूप से की जाएगी। रैगिंग की घटना होने पर एंटी रैगिंग कमेटी को मामले की जांच के लिए कहा जाएगा। दस्ता कमेटी के निर्देशानुसार काम करेगा। अनुशासन संबंधी सभी काम परिसर के अंदर ही सुलझाना। ऐसे केस जिसमें कानून व व्यवस्था का उल्लंघन न हुआ हो। या कॉलेज की शांति भंग न हुई या सार्वजनिक रूप से शांति भंग न हुई हो। छापेमार कार्रवाई की जानकारी भी दी जाएगी। ताकि रैगिंग की घटना को रोका जा सके।
पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि कॉलेज में पहले से एंटी रैगिंग कमेटी है। कमेटी के पास मामला आता है तो रस्मी तौर पर इस पर कार्रवाई की जाती है। इसलिए छात्र ऐसे मामलों की शिकायत कॉलेज में करने के बजाय नेशनल हेल्पलाइन नंबर पर करने लगे हैं। दरअसल छात्रों को डर होता है कि कॉलेज में शिकायत करने पर उनका नाम उजागर हो सकता है। इसलिए वे कॉलेज में शिकायत करने से कतराने लगे हैं।

6 में से 5 एक माह के लिए सस्पेंड, 1 बहाल

कॉलेज में 26 अक्टूबर को रैगिंग का मामला आया था। इस मामले में एंटी रैगिंग कमेटी ने एमबीबीएस सेकंड ईयर के 6 छात्रों को सस्पेंड किया था। इसमें एक छात्र को 10 दिनों यानी 4 नवंबर से 13 नवंबर तक के लिए कॉलेज से सस्पेंड किया था। वहीं 5 छात्रों को एक माह के लिए कॉलेज से निलंबित किया गया है। निलंबन का आदेश 11 नवंबर को जारी हुआ था। 10 दिसंबर तक छात्र निलंबित रहेंगे।
इस दौरान वे न क्लास अटेंड कर पाएंगे और न ही अस्पताल में क्लीनिकल पोस्टिंग में जा पाएंगे। 13 नवंबर को सभी छात्रों के पालकों से एफिडेविट भी भरवाया गया है। इसमें इस बात की गारंटी दी गई है कि उनके बच्चे भविष्य में किसी अनुशासनहीनता के काम में शामिल नहीं होगे। कॉलेज के नियमों का पालन करेंगे और अनुशासनहीनता में दोषी पाए जाने पर कॉलेज एकतरफा कार्रवाई करेगा।

रैगिंग में ये करने को कहा था सीनियर्स ने

बाल छोटे-छोटे रखो।

क्लास व कॉलेज में एक कतार में प्रवेश करो।

जूते एक ही कलर व ब्रांड के हों।

बैग विशेष प्रकार का हो।
कमेटी में ये शमिल

अध्यक्ष- डॉ. रविकांत दास, एचओडी ऑर्थोपीडिक्स, सदस्य सचिव- डॉ. प्रतिभा जैन शाह एचओडी एनीस्थीसिया। सदस्यों में डॉ. ज्योति जायसवाल, डॉ. दुर्गेश गजेंद्र, डॉ. अजय हलवाई, डॉ. मिनी शर्मा, डॉ. रेशु उबेजा मल्होत्रा, डॉ. वर्षा पांडेय, डॉ. प्रवीण बंजारे, डॉ. प्राची दुबे, डॉ. माया रामटेके, डॉ. सुचिता नेताम, डॉ. कुशाल चक्रवर्ती।

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