रायपुर

CG Hospital: निजी अस्पतालों में सरकारी डॉक्टरों का प्रेक्टिस विवाद, देना होगा शपथपत्र

CG Hospital: रायपुर जिले में सरकारी अस्पतालों में नौकरी कर रहे डॉक्टर निजी अस्पतालों में प्रेक्टिस नहीं कर सकते। स्वास्थ्य विभाग के नियम में ऐसा है, लेकिन…

रायपुरOct 09, 2024 / 11:53 am

Shradha Jaiswal

CG Hospital: छत्त्तीसगढ़ के रायपुर जिले में सरकारी अस्पतालों में नौकरी कर रहे डॉक्टर निजी अस्पतालों में प्रेक्टिस नहीं कर सकते। स्वास्थ्य विभाग के नियम में ऐसा है, लेकिन कई डॉक्टर निजी अस्पतालों में बकायदा सेवा दे रहे हैं। इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
CG Hospital: हैल्थ डायरेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने सभी सीएमएचओ से ऐसे डॉक्टरों की सूची मांगी है। साथ ही आयुष्मान भारत योजना में पंजीकृत निजी अस्पतालों में सरकारी डॉक्टरों की सेवा के बारे में जानकारी भी मांगी है। ऐसे निजी अस्पतालों को शपथपत्र देना होगा कि उनके अस्पताल में कोई सरकारी डॉक्टर सेवा में नहीं है। हैल्थ डायरेक्टर के फरमान के बाद निजी अस्पताल उलझन में आ गए हैं। दरअसल जिला अस्पतालों, सीएचसी यहां तक पीएचसी में नौकरी करने वाले कई डॉक्टर निजी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं।
यह भी पढ़ें

CG Hospital: एमआरआई व सीटी स्कैन जांच के लिए 15 दिनों का इंतजार, डीकेएस में जांच से वेटिंग होगी खत्म

ज्यादातर डॉक्टरों के खुद के अस्पताल भी

नर्सिंग होम एक्ट के तहत अस्पताल का पंजीयन होने पर उक्त अस्पताल में कौन-कौन डॉक्टर सेवाएं देंगे, इसकी पूरी जानकारी देनी होती है। यानी डॉक्टरों की पूरी कुंडली सीएमएचओ कार्यालय में रहती है। नए फरमान के बाद अस्पताल सही जानकारी देंगे तो डॉक्टर फंसेंगे। हालांकि डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई क्या होगी, ये भविष्य की बात है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग में एनपीए लेने वाले डॉक्टर खुलेआम प्रेक्टिस कर रहे हैं। इनमें तथाकथित बड़े-बड़े एचओडी से लेकर प्रोफेसर तक शामिल हैं। यानी ये दोहरा लाभ ले रहे हैं। प्रेक्टिस भी कर रहे हैं और 22 से 28 हजार महीना नॉन प्रेक्टिस अलाउंस भी ले रहे हैं। जब मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई तो स्वास्थ्य विभाग अपने डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगा, इसमें संदेह है।
यह भी पढ़ें

CG Hospital News: सिम्स में पर्ची के लिए लाइन में लगे मरीज को आया हार्टअटैक, मौके पर हुई मौत..

हैल्थ डायरेक्टर ने सभी सीएमएचओ से मंगाई जानकारी

जिला अस्पतालों व सीएचसी में सेवाएं दे रहे ज्यादातर डॉक्टरों के खुद के अस्पताल हैं। अगर नहीं है तो वे किसी निजी अस्पताल में सेवाएं दे रहे हैं। प्रदेश के ज्यादातर जिला अस्पताल रिफरल सेंटर बन गए हैं। अगर कोई मरीज वहां जा रहा है और समस्या बड़ी है या नहीं भी है तो मरीज को आंबेडकर अस्पताल रिफर कर दिया जाता है। डिलीवरी के केसेस में भी ऐसा ही हो रहा है। यही कारण है कि आंबेडकर अस्पताल के हर विभाग में मरीजों की भीड़ देखी जा सकती है। कई अस्पतालों में तो आईसीयू तक नहीं है। ऐसे में मरीजों को रिफर करना उनकी मजबूरी भी है।

Hindi News / Raipur / CG Hospital: निजी अस्पतालों में सरकारी डॉक्टरों का प्रेक्टिस विवाद, देना होगा शपथपत्र

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.