स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 2 जनवरी को जब केंद्र सरकार ने दो वैश्विक कंपनियों को मान्यता दी थी उस समय सरकार को यह मालूम था कि देश में कितने नागरिक हैं, कितने लोगों को वैक्सीन लगनी है और कितनी वैक्सीन देश में उत्पादित हो रही है। उन्होंने कहा, 7 करोड़ वैक्सीन देश में बन रही है और 210 करोड़ को लगाने हैं तो कोई भी आठवीं दसवीं क्लास का बच्चा भी बता सकता है कि 30 महीने लगेंगे वैक्सीन पूरे देश को लगाने में।
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों की संख्या 300 के अंदर सिमटी, इस जिले में फिर बढ़े केस, केंद्र ने किया अलर्ट
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा, जो अब पहल हो रही है ये उसी समय हो जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा, ये नई परिस्थिति सामने नहीं आई है। उस समय भी मालूम था कि एक वैक्सीन बनाने में 90 से 120 दिन लग सकते हैं। हमें ये भी मालूम था कि देश में 7 करोड़ वैक्सीन बनाने की क्षमता है। जिस क्षमता को आज बढ़ाने की बात हो रही है या विदेश की दूसरी कंपनियों को अनुमति देने की बात हो रही है इसे सरकार को 6 महीने पहले कर लेना चाहिए था। सिंहदेव ने कहा, ये केंद्र सरकार की बड़ी विफलता रही। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने टीकाकरण को लेकर नीति शायद इस भ्रम में बना दी कि देश से कोरोना चला गया। बल्कि केंद्र सरकार के कई मंत्रियों ने बयान भी दिए कि देश से कोरोना अब चला गया है। यही कारण है कि जब वैक्सीन चाहिए तो हमें मिल नहीं रही है।
यह भी पढ़ें: Corona Alert: कोरोना की यही रफ्तार रही तो छत्तीसगढ़ में 9 दिन बाद मरीज 10,00,000 पार
छत्तीसगढ़ में भी टीका संकट बरकरार है। बुधवार को 75 हजार लोगों को टीका लग सका, क्योंकि वैक्सीन ही नहीं है। हालांकि राज्य टीकाकरण अधिकारी वीआर भगत ने बताया कि गुरुवार को डेढ़ से 2 लाख के करीब वैक्सीन केंद्र से मिल सकती है।