स्कूलों में अभी भी सैकड़ों शिक्षकों की कमी बरकरार है। छह माह पहले प्राइमरी स्कूल के एक हजार से अधिक शिक्षकों का मिडिल स्कूल के हेडमास्टर के लिए प्रमोशन हुआ है। इसके बाद तकरीबन 61 प्राइमरी व मिडिल स्कूल के शिक्षकों का पोस्ट खाली है। जिसमें आज भी एकल शिक्षकीय स्कूल बना हुआ है। कई जिलों में सरकारी स्कूलों के तो ऐसे हालात है जहां एक ही शिक्षक 6 से 7 कक्षा के बच्चों को पढ़ा रहे है।
यहां 2019 से जून 2024 तक छत्तीसगढ़ में सरकारी प्राथमिक और मध्य विद्यालयों की संख्या बनाम उन विद्यालयों में शिक्षण संकाय की संख्या प्रदर्शित करने वाला चार्ट दिया गया है। यह चार्ट प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के लिए इन वर्षों में विद्यालयों और संकाय सदस्यों की संख्या दोनों के रुझानों का तुलनात्मक दृश्य प्रदान करता है।
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जांजगीर-चांपा जिले की बात करें तो डीईओ आफिस के मुताबिक, वर्तमान में जांजगीर-चांपा जिले में आज भी 57 स्कूल एकल शिक्षकीय है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति पामगढ़ ब्लॉक में है। यहां 21 स्कूल एक शिक्षकों के भरोसे संचालित हो रहे हैं। इसी तरह नवागढ़ विकासखंड में 12 स्कूल एकल शिक्षकीय है। इसके अलावा बम्हनीडीह विकासखंड में 11, अकलतरा विकासखंड में 6 और बलौदा विकासखंड में 7 विद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई एक शिक्षकों के कंधों पर टिकी हुई है। इसी तरह चार स्कूल शिक्षक विहीन है जहां भी नया शिक्षा सत्र शुरू होने के माहभर बाद भी शिक्षकों की व्यवस्था नहीं हुई।बालोद में आक्रोशित ग्रामीणों ने स्कूल में लगाया ताला
बालोद जिले के राघोनवागांव के प्राथमिक और मिडिल स्कूल में शिक्षकों की कमी पर आक्रोशित ग्रामीणों ने स्कूल के गेट पर ताला लगा दिया। देर शाम तक स्कूल का ताला नहीं खुल पाया था। सूचना पर तहसीलदार नीलकंठ जनबंधु, बीईओ हिमांशु मिश्रा, चौकी प्रभारी मौके पर पहुंचे। उनकी ग्रामीणों से बहस भी हुई। इसी गांव की निवासी जिला पंचायत सदस्य चंद्रप्रभा सुधाकर ने कहा कि नियम के तहत शिक्षकों की कमी दूर करें। हमें विज्ञान और अंग्रेजी के शिक्षक चाहिए। बीईओ ने कहा कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही अंग्रेजी और विज्ञान शिक्षक की व्यवस्था करेंगे। इसके पूर्व सोमवार को वनांचल ग्राम जुन्नापानी की प्राथमिक शाला में भी चार वर्षों से शिक्षक नहीं होने से ग्रामीणों ने तालाबंदी की थी। शिक्षा विभाग ने एक शिक्षक की वैकल्पिक व्यवस्था की है।