रायपुर पुलिस ने उसे गिरतार किया है। उसके खिलाफ अलग-अलग न्यायालय में 400 मामले चल रहे हैं। मामले का खुलासा करते एएसपी लखन पटले ने बताया कि सिविल लाइन थाने में वर्ष 2013 में चिटफंड कंपनी सिशोर ग्रुप के डायरेक्टर प्रशांत कुमार दास के खिलाफ करोड़ों की ठगी का अपराध दर्ज किया गया था।
दास और उसके सहयोगी एलएलएन सतपथी, ब्रांच मैनेजर दिलीप मोहंती ने शंकर नगर में राजेश गुप्ता के मकान में अपनी कंपनी का कार्यालय शुरू किया था। इस दौरान आरोपियों ने लोगों को 1 साल में 12 फीसदी, 6 साल में 24 फीसदी का लाभांश देने की स्कीम, विदेश घुमाने आदि का प्रलोभन देकर 370 लोगों से 4 करोड़ की ठगी की थी। इसके बाद आरोपी ऑफिस बंद करके भाग निकले थे। ओडिशा के जेल से छूटने के बाद आरोपी की सूचना मिलने पर पुलिस ने प्रशांत कुमार को गिरतार कर लिया। उसके खिलाफ अलग-अलग न्यायालय में आरओसी के 400 मामले दर्ज हैं। सीबीआई भी मामले की जांच कर रही है।
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प्रोफेसर से बना ठग: पुलिस के मुताबिक आरोपी अंगूल, ओडिशा के एक कॉलेज में अर्थशास्त्र का प्रोफेसर था। नौकरी छोड़कर सिशोर ग्रुप के नाम से अलग-अलग कंपनियां खोल ली। सिशोर फार्मेसी, सिशोर वाटर, सिशोर डेयरी, सिशोर राइस मिल आदि खोलकर कई उत्पादों का उत्पादन-बिक्री करने लगा। इसके बाद प्रिफेंशियल शेयर स्कीम शुरू की। इसमें ग्राहकों को शेयर देकर मालिक बनाया गया। इसके बदले लाखों रुपए लेता था। आरोपी की कंपनी की अलग-अलग शहरों में 400 एकड़ जमीन, फैक्ट्री, मकान, वाहन तथा सोने-चांदी को जब्त किया गया है। आरोपी ने करीब 1200 करोड़ रुपए की संपत्ति बनाई है। आरोपी ओडिशा में 5 साल से जेल में था।