इसमें पंडित दीनदयाल भूमिहीन कृषक मजदूर न्याय योजना शामिल हैं। कांग्रेस शासन काल में यह योजना राजीव गांधी भूमिहीन कृषक मजदूर न्याय योजना के नाम से संचालित थी। इसमें किसानों को 7 हजार रुपए सालाना दिया जाता था। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में इसका नाम बदलकर 10 हजार रुपए देने का वादा किया था।
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राज्य सरकार ने अपने बजट सत्र में पंडित दीनदयाल भूमिहीन कृषक मजदूर न्याय योजना शुरू करने की घोषणा की थी। इसके लिए राज्य सरकार ने 500 करोड़ का बजट में प्रावधान रखा गया है। बजट सत्र खत्म होने के बाद 16 मार्च से लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई थी। अफसरों के मुताबिक आचार संहिता की वजह से काम अटक गया है। आचार संहिता खत्म होने के बाद इस योजना को जमीन पर उतरा जाएगा।CG Farmers: नहीं मिली चौथी किस्त
कांग्रेस ने 2500 रुपए में धान खरीदी करने का वादा किया था। जब सरकार बनी तो राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत की। इसमें किसानों को धान खरीदी के अंतर की राशि इनपुट सब्सिडी के रूप में दी जाती थी। यह राशि चार किस्तों में दी जाती थी। विधानसभा चुनाव की वजह से तत्कालिन सरकार ने किसानों को तीन किस्तों का ही भुगतान किया था। चौथी किस्त का भुगतान मार्च में होना था। सरकार बदलने के बाद किसानों को चौथी किस्त की राशि नहीं मिली। हालांकि भाजपा सरकार बनाने के बाद अपने वादा के अनुसार किसानों को धान खरीदी का प्रति क्विंटल 3100 रुपए का भुगतान किया है। इसके साथ दो साल का बकाया बोनस भी दिया है।