मूसलाधार बारिश में भी जारी हाथी ट्रैकिंग के सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है। (
CG Elephant ) वन विभाग को हाथियों की स्थिति की सही जानकारी मिल रही है और उनके स्वास्थ्य की निगरानी भी हो रही है। इसके अलावा, ट्रैकिंग के दौरान किसी प्रकार की अवैध गतिविधियों जैसे शिकार या जंगल कटाई को भी रोका जा रहा है।
CG Elephant News: हाथी ट्रैकिंग का महत्व
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उप निदेशक वरुण जैन ने बताया कि हाथी ट्रैकिंग का काम बहुत महत्वपूर्ण है। हाथियों की संया, उनकी स्वास्थ्य स्थिति, और उनके गतिवधियों की जानकारी रखने के लिए यह ट्रैकिंग जरूरी होती है।
इसकी जानकारी हाथी अलर्ट ऐप में फीड की जाती है, जिसके माध्यम से वन विभाग को यह पता चलता है कि हाथी किस क्षेत्र में हैं और 10 किलोमीटर की परिधि में ग्रामीणों को कॉल, एसएमएस अलर्ट मिल जाते हैं। इसके अलावा यह जानकारी वन्यजीव संरक्षण योजनाओं को बेहतर बनाने में भी मदद करती है। इन्ही प्रयासों से टाइगर रिज़र्व में विगत डेढ़ वर्षों में एक भी जनहानि की घटना नहीं हुई है।
मूसलाधार बारिश में ट्रैकिंग करते समय वन कर्मचारियों और ग्रामीणों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। वे उचित कपड़े और जूते पहनते हैं। मेडिकल किट को भी साथ में रखने की आवश्यकता हैं। इसके अलावा ट्रैकर्स को शार्ट रेंज वॉकी-टॉकी दिया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में एक-दूसरे की मदद कर सकें।
मूसलाधार बारिश, 2500 फ़ीट ऊंची पहाड़ियां, नो नेटवर्क की चुनौतियां
सुरक्षा श्रमिक सुरेश साहू, वन चौकीदार, हेमसिंह ध्रुव और मनोज निषाद ने बताया कि मानसून में जब भारी बारिश होती है, तो जंगल के नाले कीचड़ और पानी से भर जाते हैं। इसके अतिरिक्त 2500 फ़ीट ऊँची कई पहाड़ियां भी हैं, जिन्हे पार करके हाथी के पीछे चलना पड़ता है। कई इलाकों में मोबाइल नेटवर्क भी नहीं रहता है, ऐसे में ट्रैकिंग करना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। फिर भी कठिनाइयों को भी पार करते हुए अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।