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CG Durga Visarjan: पूजन सामग्री घाटों पर तैरती रही
CG Durga Visarjan: महाराजबंद तालाब में करीब 2 दर्जन दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया, परंतु कहीं निगम का अमला नजर नहीं आया। महादेवघाट के विसर्जन कुंड के पास ही पूजन सामग्री का ढेर लगा रहा। दो दिनों में दो हजार से अधिक मूर्तियों का विसर्जन किया गया। दुर्गा पूजा उत्सव का समापन होने के साथ ही शहर के सभी जगहों से पूजन सामग्री और दुर्गा मूर्तियों के विसर्जन का दौर दो दिनों से चल रहा है। रविवार को अवकाश होने से नगर निगम का सफाई अमला पूरी तरह नदारद रहा। CG Durga Visarjan: तेलीबांधा तालाब से लेकर कंकाली तालाब, बूढ़ातालाब, महाराजबंद, डंगनिया, रोहिणीपुरम तालाब के घाट पर पूजन सामग्री पसरी हुई नजर आई। जबकि, निगम प्रशासन का दावा था कि दुर्गा प्रतिमाओं और पूजन सामग्रियों का विसर्जन खारुन नदी के पास बने विसर्जन कुंड में होगा। तालाबों में विसर्जन रोकने के लिए अमला तैनात रहेगा, परंतु कहीं नजर आया। बल्कि शनिवार और रविवार को लोग अपने-अपने आसपास के तालाबों के घाट पर पूजन सामग्री को ठंडा करते रहे।
नहीं निकला नगर निगम अमला
सबसे बड़े दुर्गा पूजा उत्सव के विसर्जन के दौरान नगर निगम का अमला सक्रिय नजर नहीं आया। केवल महादेव घाट पर विसर्जन कुंड के पास ही तैनाती की गई। हैरानी ये कि तालाबों के किनारे भी विसर्जन कुंड का निर्माण किया था, ताकि शहर के तालाबों और नदी को प्रदूषण से बचाया जा सके। लेकिन इस साल केवल 1300 प्रतिमाओं का कुंडों में विसर्जन हुआ, जबकि तालाबों में 150 से अधिक प्रतिमाएं विसर्जित की गईं। इसी तरह मंदिरों के आसपास और सड़कों के किनारे जगह-जगह भंडारे की धूम रही। ऐसी जगहों के आसपास की भी सफाई नहीं कराई गई।शाम 4 बजे तक लग गया ढेर
निगम प्रशासन ने विसर्जन कुंड के पास अमले की तैनाती की गई थी। प्रतिमाओं के सम्मानजनक विसर्जन के लिए अपर आयुक्त विनोद पांडेय के नेतृत्व में कमेटी भी बनाई, परंतु अमला केवल विसर्जन कुंड के पास ही तैनात था। रविवार को शाम 4 बजे के करीब अवशेषों से कुंड छलक रहा था और किनारे में पूजन सामग्री का ढेर लगा रहा। यह भी पढ़ें