जांच के दौरान पीड़ित राघव के दोस्त यश प्रजापति की भूमिका संदिग्ध निकली। आमानाका पुलिस ने उसे पकड़कर पूछताछ शुरू की। पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि पीड़ित युवक को फंसाने की पूरी प्लानिंग उसी की थी। इसके बाद पुलिस ने यश को पकड़ा। फिर घटना में शामिल अन्नू अग्रवाल, खुशबू तिवारी, प्रदीप सिंह बोपाराय, मदन सोना को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया है।
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ऐसे फंसाया था युवक को
यश ने राघव का नंबर अन्नू अग्रवाल को दिया था। साजिश के तहत अन्नू ने पायल साहू बनकर राघव को कॉल करके वाईफाई लगाने के नाम आमानाका के मरकट्टी तालाब के पास बुलाया था। राघव के वहां पहुंचने के बाद उसे सूनसान जगह पर खंडहरनुमा मकान में ले गए। वहां खुशबू तिवारी नाम की महिला भी मौजूद थी। कुछ देर बातचीत करने के बाद अन्नू बाहर निकल गई और अपने साथियों प्रदीप सिंह और मदन सोना को फोन करके बुला लिया। प्रदीप और मदन ने खुद को पुलिस वाला बताते हुए राघव पर लड़की लाकर अश्लील काम करने का आरोप लगाते हुए मामला बनाने की धमकी दी। राघव घबरा गया, लेकिन वह भागने की कोशिश किया। आरोपियों ने उसे फिर पकड़ लिया। चाकू दिखाकर उसे बंधक बना लिया था। इसके बाद उससे 8 हजार रुपए वसूल कर छोड़ा था।