इस ऑपरेशन में तेंदुए की खाल तस्करी के साथ तीन आरोपियों चमरा गोंडए मंगलदास और एक अन्य को गिरफ्तार किया गया। इस कार्रवाई में न केवल तस्करी का पर्दाफाश हुआए बल्कि यह भी दिखाया गया कि मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष कितना बढ़ चुका है।
संयुक्त टीम की कार्रवाई
उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व उपनिदेशक वरुण जैन व नबरंगपुर वनमंडलाधिकारी शुभेदु कुमार बेहेरा ने बताया कि 22 नवबर 2024 को वन्यजीव तस्करी की सूचना मिलने पर उदंती.सीतानदी टाइगर रिजर्व की एंटी.पोचिंग टीम और डीआरआई की रायपुर टीम ने मिलकर नवरंगपुर के उमरकोट क्षेत्र में एक संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया। तस्करों ने बताया कि यह खाल करीब एक वर्ष पुरानी थी और इसे जहर देकर शिकार किया गया था। इसके अलावा आरोपियों के पास से एक मोटरसाइकिल और तीन मोबाइल भी जब्त किए गए। यह भी पढ़ें
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कार्रवाई में ये रहे शामिल
यह कार्रवाई वन्यजीव संरक्षण के दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है। छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर वन्यजीवों की तस्करी एक गंभीर समस्या बन चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि तस्करी से वन्यजीवों की संया में लगातार गिरावट हो रही है। यह उनके अस्तित्व के लिए खतरा बन सकता है। कार्रवाई में डीआरआई रायपुर, गरियाबंद पुलिस के साइबर सेल प्रभारी सतीश यादव, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व की एंटी पोचिंग की टीम के नोडल अधिकारी गोपाल कश्यप, सुबाश चन्द्र खुटिया नवरंगपुर, सुशील कुमार सागर, मोहमद अब्दुल समद, राकेश परिहार तौरेंगा, लालू बिसोई, प्रकाश सरकार, भवानी विसोई, ऋषि ध्रुव, सुधांशु वर्मा, फलेश्वर दिवान, भूपेंद्र भेड़िया का योगदान रहा।