इधर, जांच पर ही सवाल उठने लगे हैं। वो इसलिए क्योंकि शिकायती चिट्ठी में 15 नाम थे। (CG Crime News) प्रशासन इनमें से 13 पर ही कार्रवाई करने जा रहा है। 2 जोड़ों को दूसरे जिले का बताकर कार्रवाई नहीं की गई, जबकि वे दोनों भी गरियाबंद जिले के ही हैं।
दरअसल, समाजों में समरसता और समानता को बढ़ावा देने सरकार अंतरजातीय विवाहों पर जोर दे रही है। इसके तहत दूसरे समाज मे शादी करने वाले जोड़ों को प्रोत्साहित करने ढाई लाख रुपए दिए जाते हैं। इनमें से कुछ पैसे गृहस्थी का सामान देने पर भी खर्च किए जाते हैं।
CG Crime News: पत्रिका ने किया इस फर्जीवाड़े का खुलासा
खैर, ये तो योजना हुई। अब कुछ जोड़ों ने यही स्कीम लगाकर पैसा कमाने की सोची। किसी ने अपने दो बच्चों की मां से दोबारा, तो किसी ने परित्यक्तता से शादी कर योजना में ढाई-ढाई लाख पीटे। पत्रिका ने इस फर्जीवाड़े का खुलासा 24 जून 2023 को ही कर दिया था। इसी साल फरवरी में मामला फिर उछला, जब 15 जोड़ों की नामजद शिकायत जनदर्शन तक पहुंची। कलेक्टर ने जांच बिठाई। हाल ही में जांच पूरी हुई, जिसमें 13 जोड़ों को गलत बताया गया है। कमेटी ने जिन 2 को छोड़ा, उनमें से एक रवेली, दूसरा जोड़ा नवापारा (छुरा) में रहता है। संभवत: दूसरे जिलों में भी मिलते-जुलते नाम वाले गांवों को आधार बनाकर इन दो जोड़ों को बाहर का बता रहे हैं।
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एकतरफा कार्रवाई करते हुए मातहतों को बचाने के आरोप
CG Crime News: भ्रष्टाचार में आदिवासी आयुक्त दफ्तर के अफसर-कर्मचारियों को बचाने के आरोप लगाए जा रहे हैं। बताते हैं कि इसी साल फरवरी में लोग घोटाले की शिकायत लेकर कलेक्टर जनदर्शन पहुंचे थे, तब उन्होंने भ्रष्टाचार के इस खेल में विभाग के बाबू का हाथ होना बताया था। माना जा रहा है कि विभाग के और भी लोग इसमें इनवॉल्व हो सकते हैं। इनके खिलाफ कोई कार्रवाई न होने से माना जा रहा है कि प्रशासन एकतरफा कार्रवाई करते हुए आयुक्त दफ्तर के मातहतों को बचा रहा है।