सोशल मीडिया पर हथियारों की बिक्री का खेल
शहर में सोशल मीडिया पर कई गुप्त पेज और ग्रुप्स हैं, जहां बिना किसी लाइसेंस या पंजीकरण के हथियारों की खुलेआम बिक्री हो रही है। इन प्लेटफॉर्म्स पर हथियारों की तस्वीरें, कीमत और ऑर्डर करने के तरीके बताए जाते हैं और होम डिलीवरी बिना किसी बाधा के कर दी जाती है। खासकर युवाओं के लिए इन हथियारों तक पहुंच आसान हो गई है। कई युवा इन हथियारों को अपनी ताकत का प्रतीक मानते हैं और इसी कारण अपराध की दुनिया में कदम रखने का जोखिम उठा रहे हैं।पुलिस और प्रशासन के सामने चुनौतियां
पुलिस के लिए इस तरह की ऑनलाइन हथियार बिक्री को रोकना एक चुनौती है। रायपुर पुलिस ने कुछ कदम उठाए हैं जैसे सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ाना और अवैध ग्रुप्स को बंद करना। एसएसपी संतोष सिंह का कहना है, हमारी साइबर टीम लगातार इन ग्रुप्स पर नजर रख रही है। कई मामलों में कार्रवाई भी की गई है, लेकिन यह काफी नहीं है। समाज को भी इस दिशा में जागरूक होना जरूरी है। यह भी पढ़ें
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माता-पिता और समाज की भूमिका
समाधान का एक हिस्सा माता-पिता और समाज की जागरूकता में है। युवाओं को यह समझाना आवश्यक है कि अपराध का रास्ता केवल समस्याएं और पछतावा लाता है। शिक्षण संस्थानों में अपराध के दुष्परिणामों पर जागरूकता अभियान चलाए जा सकते हैं। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग पर ध्यान दें और उन्हें सकारात्मक दिशा में प्रोत्साहित करें। सही मार्गदर्शन और सहयोग से युवा अपराध से दूर रह सकते हैं।युवाओं में बढ़ता अपराध का आकर्षण
विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया पर हथियारों की उपलब्धता से युवाओं में अपराध के प्रति रोमांच पैदा हो रहा है और छोटी-मोटी घटनाओं में शामिल हो जाते हैं। चोरी, मारपीट और अन्य अपराधों में फंसने वाले युवाओं की संख्या बढ़ रही है, जो न केवल उनके भविष्य को प्रभावित करती है, बल्कि समाज में असुरक्षा का माहौल भी बना रही है।युवा नहीं कर पा रहे गुस्से पर नियंत्रण
नेहरू मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुरभि दुबे के अनुसार, आज के युवाओं में गुस्सा नियंत्रण करने की क्षमता कम होती जा रही है। 18 से 25 साल के युवकों में सहनशक्ति भी घट रही है। वे तुरंत परिणाम चाहते हैं और इंतजार नहीं कर पाते। इंटरनेट और कई टीवी चैनलों की वजह से उनकी पसंद आसानी से मिल रही है, जिससे उन्हें मेहनत नहीं करनी पड़ती। इस कारण वे अधीर हो रहे हैं। चैनलों, गेम्स और इंटरनेट का अधिक उपयोग युवाओं को उग्र बना रहा है। यही वजह है कि इस उग्रता का असर अपराधों में भी दिखाई दे रहा है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। सोशल मीडिया पर अवैध हथियारों की बिक्री को लेकर पुलिस सतर्क है। कई गुप्त ग्रुप्स और पेजों के साथ कई शॉपिंग मॉलों में भी बिक्री की सूचना मिली है, जिस पर निगरानी बढ़ाई गई है और उनपर कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। वैसे पहले भी कार्रवाई किया गया है। हमारा उद्देश्य युवाओं को अपराध से दूर रखना और शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखना है।संतोष कुमार सिंह, एसएसपी, रायपुर