मामले में जल संसाधन के अधिकारियों ने कहा कि विधायक धनेंद्र साहू (MLA Dhanendra sahu) की अनुशंसा पर ही डैम के खनन के लिए एनओसी जारी किया गया है। जबकि विधायक ने पत्रिका को बताया कि उन्होंने 14 मार्च को पत्र लिख कर डैम खनन की अनुशंसा की थी। इसमें साफ लिखा था कि बांध के कैचमेंट एरिया में मिट्टी जम जाने के कारण बारिश के दिनों में पानी नाले से बह जाता है। सभी नियमों और तकनीकी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अनुमति दी जाए। दूसरी ओर विभागीय अधिकारियों (officer) ने विधायक की अनुशंसा के 122 दिन बाद बारिश के मौसम (Mansoon) में खनन की अनुमति दे दी। जल संसाधन के अधिकारियों का कहना है कि कागजी प्रक्रिया में देर होने के कारण विलंब हुआ।
12 जुलाई से 14 सितम्बर तक की दी अनुमति
विभाग ने 12 जुलाई से 14 सितम्बर तक के लिए डैम खनन की अनुमति दी है। मानसून 15 जून तक सक्रिय हो जाता है और सितम्बर माह तक बारिश की संभावना बनी रहती है। यदि विधायक की अनुशंसा के एक माह के भीतर भी प्रक्रिया पूरी कर ली जाती तो अप्रैल माह तक खनन कार्य पूरा हो जाता।
बारिश में खनन की अनुमति कैसे दे दी गई। यह जांच का विषय है। जिम्मेदार अधिकारी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रविंद्र चौबे,(CG Cabinate Minister) मंत्री, जल संसाधन विभाग मैंने चार माह पहले खनन के लिए अनुशंसा पत्र लिखा था। ताकि बारिश के दिनों में पानी डैम में रुके। विभाग ने बारिश के दिनों मे कैसे अनुमति दे दी। इसकी जानकारी लेता हूं।
मंत्रालय तक कागजी कार्रवाई की गई है। आदेश देर से मिलने के कारण हमने देर से एनओसी जारी किया है। इससे ज्यादा मैं और कोई जानकारी नहीं दे सकता।
दीपक देव, एसडीओ, जल संसाधन विभाग अनुविभाग क्रमांक-1