साथ ही रायपुर दक्षिण के विकास की अनदेखी करने का आरोप लगा रही है। कुल मिलाकर दोनों ही पार्टी प्रत्याशियों को जिताने के लिए अलग-अलग रणनीति बनाकर प्रचार करने में जुटी हुई है।
अपना-अपना गढ़ बचाने पार्षद भी जुटे
इस उप चुनाव के बहाने वार्डों के भाजपा-कांग्रेस पार्षद भी अपना-अपना गढ़ बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दिए है। ताकि आगामी निकाय चुनाव में उन्हें ज्यादा मेहनत न करना पड़े। जिस वार्ड में भाजपा के पार्षद हैं, वहां कांग्रेस के पार्षद टिकट के दावेदार पार्षद की पोल खोलकर कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में महौल बना रहे हैं। वहीं जहां कांग्रेस के पार्षद हैं, वहां भाजपा के पार्षद टिकट के दावेदारों द्वारा कांग्रेस पार्षद की पोल खोल रहे हैं और भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोटरों के बीच महौल बनाने में जुटे हुए हैं। यह भी पढ़ें