विधायक मूणत ने कहा, अधिकारियों ने मिलीभगत कर एक हजार करोड़ रुपए का काम अपनों को दे दिया। केंद्र की स्मार्ट सिटी योजना की कल्पना के अनुरूप काम नहीं किया गया। मंत्री चौधरी ने कहा, स्मार्ट सिटी के कामों के लिए ऑनलाइन टेंडर जारी हुए थे। नियमों का पालन करते हुए काम सौंपा गया था। नया रायपुर में 14 टेंडर जारी हुए थे। इसमें से 10 काम धीमी गति से चल रहे थे। इसे बंद करने का आदेश दिया गया।
यह भी पढ़ें
ट्रेनों में चूहों ने उड़ाई यात्रियों की नींद, फस्र्ट एसी कोच में कुतर रहे बैग…दहशत में सफर कर रहे लोग
स्मार्ट सिटी मद से ट्रैफिक सुधारने में 209 करोड़ खर्च: विधायक मूणत ने कहा,स्मार्ट सिटी के पैसों को मनमाने तरीके से खर्च किया गया है। रायपुर में ट्रैफिक सुधार के नाम पर 209 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। मल्टीलेवल पार्किंग में 28 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं और उसका उपयोग नहीं हो रहा है। बूढ़ातालाब को प्रयोगशाला बना दिया गया है। एक भी स्मार्ट रोड नहीं बनी। बिना एनओसी के बना दी चौपाटी भाजपा विधायक राजेश मूणत ने कहा, स्मार्ट सिटी के नाम पर बिना एनओसी के चौपाटी बना दी गई। जबकि यह जमीन खेल विभाग की थी। यूथ हब के नाम पर प्रोजेक्ट लाकर चौपाटी बना दिया गया। हाईकोर्ट को भी गुमराह कर दिया गया। चुनाव के पहले इतनी हड़बड़ी थी कि दुकानों के अलॉटमेंट की प्रक्रिया तेज कर दी गई। स्मार्ट सिटी के नाम पर लूट मचा दी थी। हम भूख हड़ताल पर बैठे थे। जिन व्यक्तियों ने नियम के विपरीत जाकर काम किया है, उनके खिलाफ जांच की जाए। इस पर मंत्री चौधरी ने कहा, सदस्य की ङ्क्षचता जायज है। चौपाटी हटाने के संबंध में नगरीय प्रशासन विभाग से चर्चा कर इसके बेहतर उपयोग के संबंध में विचार किया जाएगा।