श्रीराम मंदिर में भागवत कथा में धूमधाम से कृष्ण रुक्मिणी विवाह
गोबर की तरह ही गोमूत्र की खरीदी भी गोठानों में की जाएगी। इसके लिए 4 रुपए प्रति लीटर की दर निर्धारित की गई है। बता दें कि जैविक खेती को ओर बढ़ते छत्तीसगढ़ में बीते दो वर्षों में बड़ी संख्या में कृषक वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग खाद के रूप में कर रहे हैं। अब गोमूत्र से बायोपेस्टीसाइड का निर्माण करने की तैयारी है। गोमूत्र के साथ नीम व अन्य जैविक रसायनों का इस्तेमाल कर कीट नियंत्रक, जीवामृत और ग्रोथ प्रमोटर जैसे उत्पाद बनाए जाएंगे। यह उत्पाद फसलों को कीटों से बचाने के साथ रासायनिक पेस्टीसाइड से होने वाले नुकसान से भी बचाएंगे, जिससे मानव शरीर पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों से भी बचा जा सकेगा। वहीं इनकी कीमत भी रासायनिक पेस्टीसाइड से कम होगी।
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