पुलिस के मुताबिक एम्स के वित्त एवं लेखा विभाग के कनिष्ठ लेखा अधिकारी योगेंद्र पटेल को हिरासत में लिया गया है। एम्स में नौकरी छोड़ने से पहले डॉक्टरों या अन्य स्टाफ को नोटिस देना होता है। बिना नोटिस दिए छोड़ने वालों को कुछ राशि जमा करनी होती है। यह राशि वित्त एवं लेखा शाखा से एम्स प्रबंधन के खाते में जमा होती है, लेकिन ऐसे 20 मामले सामने आए हैं, जिनकी राशि का घोटाला हुआ है। लेखा शाखा से एम्स प्रबंधन को 27 लाख 89 हजार 400 रुपए नहीं मिला है। नोटिस दिए बिना नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों-डाॅक्टरों के मामले में पैसा लेकर नोड्यूज दिया जा रहा था। मामले की जांच में इसका खुलासा हुआ है। इसमें योगेंद्र पटेल के अलावा अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों की भी भूमिका संदेह के दायरे में है। पुलिस ने योगेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 420, 409, 467, 468, 471 के तहत अपराध दर्ज किया है।