बताया जाता है कि रायपुर से महाराष्ट्र के नागपुर, भंडारा और राजनांदगांव एवं डोंगरगढ़ से चंद्रपुर, वर्धा गोंदिया सहित अन्य शहरों के लिए जाने वाले बसों में पैर रखने की जगह तक नहीं है। वहीं वापस आने वाली लक्जरी सुपरफास्ट बसें भी महाराष्ट्र के बाघनदी बार्डर तक लोकल बसों की तर्ज पर संचालित हो रही है। बस मालिकों का कहना है कि छत्तीसगढ़ से एकतरफा बसों का संचालन होने से दबाव बढ़ा है। त्यौहारी सीजन के दौरान यात्रियों की संख्या में इजाफा होने के कारण बसों की टाइमिंग पर असर पड़ रहा है। बता दें कि पिछले 10 दिनों से आपली बस के चालक-परिचालक वेतन बढ़ाए जाने की मांग को लेकर हड़ताल पर है।
50 बसों का संचालन
छ्तीसगढ़ से महाराष्ट्र के बीच 50 बसों का संचालन अंतरराज्यीय समझौते के तहत किया जाता है। दोनों राज्यों के बीच रायपुर, जगदलपुर, बीजापुर, कांकेर, राजनांदगांव और डोगरगढ़ से महाराष्ट्र के नागपुर, गढ़चिरौली, गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर, वर्धा, अमरावती, पुणे और नागपुर होकर हैदराबाद तक चलती है। नागपुर में चल ही हड़ताल के चलते बसों का संचालन प्रभावित होने से दबाव बढ़ा है।
Bus Strike: दबाव बढ़ा
त्योहारी सीजन और महाराष्ट्र में बसों की हड़ताल से छत्तीसगढ़ से संचालित बसों पर दबाव बढ़ा है। पड़ोसी राज्यों से बसों के नहीं चलने यात्रियों की संख्या के अनुपात में बसों की संख्या कम हो गई है। -शिवेश सिंह, प्रमुख सलाहकार, छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ