पंडरी बस स्टैंड। समय दोपहर के डेढ़ बजे। परिसर में विभिन्न रूटों पर चलने वाली बसें खड़ी थी। कुछ बसों अपने गंतव्य स्थल की रवाना हो रही थी। वहां बस पकडऩे के लिए जल्दी बाजी में आ रहे यात्रियों को एजेंट और दलाल आवाज लगा-लगाकर बैठा रहे थे। सिर्फ कहां जाना है पूछकर बैठा रहे थे। टिकट का किराया पूछने पर कोई जवाब नहीं दे रहे थे। बस में बैठने के बाद जब अधिक किराया ले रहे थे, तो कंडक्टर और यात्रियों के बीच विवाद भी हो रहा था। कुछ यात्री बस से उतरकर अन्य बस का इंतजार करते दिखे। पूछने पर बताया कि पहले भिलाई का किराया 30 रुपए लगता था, अब 50 रुपए लिया जा रहा है। यहां कई ऐसे एजेंट भी घूमते नजर आए जो किराया बढ़ाने का कारण अपने तर्कों से बताते नजर आए।
यह भी पढ़ें: COVID-19 संक्रमण कम होते ही हवाई यात्री बढ़े, दो सप्ताह में फ्लाइट्स की संख्या भी बढ़ी
दृश्य-2कालीबाड़ी से अभनपुर तक का किराया पहले 30 रुपए था, जो बस कंडक्टर द्वारा 50 रुपए तक लेते दिखे। बस में जो भी यात्री थे उनमें से किसी को भी टिकट नहीं दिया गया। टिकट मांगने पर कंडक्टर द्वारा बस से उतारने की धमकी दी जा रही थी। कुछ लोग चुप हो गए, तो कुछ लोग परिवहन अधिकारियों से शिकायत करने की भी बात कहने लगी। बस पहले से ही खचाखच भरी हुई थी। इसके बावजूद और लोगों को बैठाया जा रहा था। परिचालक से जब संख्या से अधिक सवारी बैठाने के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि हमें भी रोजी रोटी चलानी है। इसलिए सीट से ज्यादा सवारी बैठाना पड़ता है।
रायपुर स्थित पंडरी बस स्टैंड से कुम्हारी के बीच बस में सफर के दौरान यात्रियों से बातचीत के दौरान पता चला कि लॉकडाउन खुलने के बाद से किराया बढ़ा दिया गया है। पहले यहां तक का किराया 15 रुपए लिया जा रहा था। अब 30 रुपए लिया जा रहा है। कंडक्टर द्वारा से इस संबंध में पूछने पर विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। परिवहन विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी देने फोन लगाया गया। लेकिन, किसी ने रिस्पांस तक नहीं मिला और कोई जांच करने तक नहीं पहुंचा।
यह भी पढ़ें: रेलवे फिर से शुरू कर रहा कई स्पेशल ट्रेनें, आज से चलेगी गोंदिया-बरौनी, देखें डिटेल
कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं
कोरोना संक्रमण को देखते हुए बसों के संचालन को लेकर राज्य और केंद्र सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी की गई गाइड लाइन का भी पालन नहीं किया जा रहा है। बस संचालक नियमों को ताक पर रखकर 35 सीटर बस में 50 यात्रियों को बैठा रहे हंै। महिला, विकलांग, वरिष्ठ नागरिकों और वीआईपी के लिए कोई सीट तक आरक्षित नहीं की गई है। सेनेटाइजर और बिना मास्क पहने चालक-परिचालक से लेकर यात्रियों को बिठाया जा रहा है। वहीं सुरक्षा के लिए आपातकालीन निकासी, चालक-पचिालक एवं आपातकालीन नंबर और प्राथमिक उपचार तक के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। बिना वर्दी पहने हुए चालक-परिचालकों द्वारा बसों का परिचालन किया जा रहा। साथ ही बसों से किराया सूची भी गायब है।