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बता दें कि ऐतिहासिक बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण के पहले फेस में करीब 19 करोड़ रुपए खर्च किया गया, जिसमें सप्रे शाला ग्राउंड से लेकर तालाब तक गार्डन का निर्माण किया गया। साथ ही चांदनी चौक के करीब बस्ती के लोगों द्वारा गंदगी फैलाने से रोकने के लिए बाउंड्रीवाल और बड़ा गेट लगाकर परिक्रमा पथ को बंद कराने सहित तालाब में लाइटिंग, बोट चलाने जैसे काम कराए गए। दानी गर्ल्स स्कूल के पीछे सड़क को बंद कराकर जिस समय गार्डन का निर्माण शुरू हुआ था, उस दौरान भी भाजपा पार्षदों ने काफी विरोध किया। क्योंकि, लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
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मामला हाईकोर्ट तक गया था बूढ़ातालाब की इस सड़क बंद करा देने के मुददे को लेकर कुछ लोग हाईकोर्ट तक में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने रास्ते बनाने की वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए थे।
पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सड़क खोलने के निर्देश देते हुए कहा कि इस रास्ते से केवल साइकिल, बाइक, कार और छोटा हाथी जैसे छोटे वाहनों की आवाजाही होगी। उनके साथ मौजूद भाजपा पार्षद दल के प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे ने कहा कि सड़क खोल देने से हजारों छात्राओं के साथ ही शहर के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
शहर के लोगों को बूढ़ातालाब के पास अच्छा माहौल मुहैया कराने का कार्य कराया गया। इस पर करोड़ों रुपए खर्च हुए हैं। नेहरूनगर तरफ से तालाब और सड़क पर गंदगी फैली रहती थी, जिस पर रोक लगी है। भाजपा पार्षद हाईकोर्ट गए थे, परंतु रोक लगाने का आदेश नहीं हुआ। बल्कि किसी दूसरे तरफ से रास्ता बनाने का आदेश था।
– एजाज ढेबर, महापौर