मरवाही उपचुनाव पर होगी चर्चा
मरवाही उपचुनाव की असली तस्वीर 19 अक्टूबर तक पूरी तरह से साफ हो जाएगी। ऐसे में कार्यसमिति की बैठक में उप चुनाव को लेकर विस्तार से चर्चा होगी। माना जा रहा है कि बैठक में मरवाही उपचुनाव को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। फिलहाल यहां त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति है।
कृषि कानून और केंद्रीय योजनाओं पर बनेगी कार्ययोजना
कार्यसमिति की बैठक में कृषि कानूनों के भ्रम को दूर करने के लिए भी रणनीति बनेगी। फिलहाल भाजपा के सांसद गांव-गांव में चौपाल लगाकर किसानों के बीच जा रहे हैं। प्रदेश की भाजपा पम्पलेट व अन्य माध्यमों के जरिए जनता के बीच जाने की रणनीति बना रही है। कार्यसमिति की बैठक में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। वहीं केंद्र सरकार की योजनाओं को आम जनता के बीच ले जाने के लिए भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
16 महीने बाद बैठक
बताया जाता है कि भाजपा में करीब 16 महीने बाद कार्यसमिति की बैठक होगी। आखिरी बैठक जून 2019 में तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेण्डी की अध्यक्षता में हुई थी। इसके बाद दो उपचुनाव की वजह से मामला टलते गया। इसके बाद मार्च में कोरोना का संक्रमण शुरू हो गया। जून 2020 में भाजपा को विष्णुदेव साय के रूप में नया प्रदेश अध्यक्ष मिला, लेकिन उन्होंने कार्यकारिणी बनाने में चार महीने का समय लगाया दिया।
नहीं हो सकी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते ही जिलाध्यक्षों की नियुक्ति का सिलसिला शुरू कर दिया था, लेकिन रायपुर ग्रामीण, दुर्ग और भिलाई जिले में अब तक जिलाध्यक्षों की नियुक्ति नहीं हो सकी। जबकि साय ने अपनी कार्यकारिणी की घोषणा कर दी। उम्मीद है कि कार्यसमिति की बैठक में वरिष्ठ नेताओं के बीच जिलाध्यक्ष को लेकर उपजे विवाद को दूर करने पर भी चर्चा होगी।