दरअसल, कांकेर में भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग और कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर के बीच सीधा मुकाबला था। यहां भाजपा प्रत्याशी ने 1884 वोट से जीत हासिल की। जबकि, यहां नोटा को 18669 वोट मिले। इससे एक बात तो तय है कि यदि मतदाता नोटा का बटन नहीं दबाते और प्रत्याशी को वोट देते तो नतीजों की तस्वीर बदल भी सकती थी।
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Lok Sabha Election Result 2024: वर्ष 2019 में भी रहा था नोटा का असर
वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान बस्तर और कांकेर सीट पर नोटा का बड़ा असर दिखाई दिया। खास बात यह है कि बस्तर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां नक्सल प्रभावित क्षेत्र भी हैं। इसके बावजूद प्रदेश की 11 लोकसभा सीट में बस्तर में नोटा को सबसे अधिक वोट मिले। यहां के 41 हजार 667 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। जबकि, यहां हार-जीत का अंतर 38 हजार 982 वोट था। इसी प्रकार कांकेर लोकसभा सीट में 26 हजार 713 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था। यहां हार-जीत का अंतर मात्र 6 हजार 914 वोट था।