कांग्रेस की तरह झूठे वादे नहीं सूत्रों के अनुसार बैठक में घोषणा पत्र के स्वरूप पर चर्चा करते हुए वरिष्ठ नेताओं का स्पष्ट कहना था कि कांग्रेस की तरह भाजपा के घोषणा पत्र कोई भी ऐसा झूठा वादा नहीं किया जाएगा, जिसे चुनाव के बाद पूरा न कर सकें और जनता के सामने भाजपा नेताओं को विरोध का सामना न करना पड़े। इसके अलावा बड़े मुद्दों को लेकर जब भी चर्चा हुई तो सबसे बजट को सामने रखा गया, क्योंकि सरकार में आने के बाद क्या उस वादे को पूरा करने में कोई बजट तो आड़े नहीं आएगा। कुल मिलाकर बैठक में घोषणा पत्र में कांग्रेस की तरह हवा-हवाई वादे नहीं करने पर सहमति बनी। घोषणा पत्र समिति के पदाधिकारियों और समितियों को डेढ़ लोगों के आए सुझावों को एक सप्ताह के अंदर विभागवार शॉर्ट लिस्ट कर डिजाइन बनाने को कहा।
घोषणा पत्र में ये सुझाव हो सकते हैं शामिल – किसानों के धान के मुद्दे।
– संविदा कर्मियों के नियमितीकरण का वादा ।
– पीएससी में गड़बड़ी की जांच ।
– किसानों को वर्मी कम्पोस्ट खाद लेना अनिवार्य नहीं ।
– किसानों से पराली लेने का वादा ।
– शराबबंदी करने की दिशा में कदम उठाने के उपाय करने ।
– युवाओं के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध कराना।
– विभागों में रिक्त पदों की भर्ती शुरू करना।
– कांग्रेस शासन में ठप पड़े विकास कार्यों के निर्माण में तेजी लाना आदि शामिल हैं।